सेना भर्ती रैली की 'हैट्रिक' फंसी
गाजीपुर : बगैर किसी बवाल के दो बार सेना भर्ती आयोजित करने का गौरव प्राप्त कर चुकी वीर अब्दुल हमीद की धरती के नाम 'हैट्रिक' दर्ज होने की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। इसमें वाराणसी स्थित सैन्य भर्ती बोर्ड नहीं वरन जिला प्रशासन ही रोड़ा बन गया है। पिछले बेहतर रिकार्ड को देखते हुए सैन्य प्रशासन तीसरी बार भी यहां भर्ती रैली के आयोजन को इच्छुक हैं।
यह दीगर बात है कि जिला प्रशासन इस आयोजन को बला मान उससे पिंड छुड़ाने की जुगत में लगा है। जिला प्रशासन की ना-नुकूर के चलते ही सितंबर में भर्ती मेला के आयोजन की मंशा पर पानी फिर गया है। इतना ही नहीं नवंबर मध्य में यह रैली हो पाएगी इस पर संदेह है। वर्ष 2013 में जनवरी व नवंबर में पीजी कालेज व आरटीआइ के ग्राउंड पर सेना की तरफ से दो भर्ती रैलियां आयोजित की गईं।
इसमें पूर्वाचल के विभिन्न जिलों के डेढ़ लाख से अधिक नौजवानों को शामिल होने का अवसर मिला। भाग्य आजमाने वालों में 50 फीसद संख्या अकेले गाजीपुर के युवाओं की थी। यही नहीं आयोजक जनपद होने के नाते यहां के युवाओं को दो दिन अवसर दिया गया, जबकि अन्य जिलों के लिए सिर्फ एक दिन। युवाओं की इतनी भारी भीड़ के बाद भी भर्ती प्रक्रिया के सकुशल संपन्न होने पर गाजीपुर का नाम सेना के रिकार्ड में अनुशासित व मान बढ़ाने वाले जिले के रूप में दर्ज हो गया।
ऐसे में सेना भर्ती बोर्ड के लोगों ने सितंबर में एक बार फिर यहां रैली के आयोजन की योजना तैयार की। इसके लिए जिला प्रशासन से संपर्क साधा गया तो उत्साहजनक परिणाम सामने नहीं आए। सुरक्षा व्यवस्था में आने वाली दिक्कतों व मैदान नहीं होने का बहाना बनाया गया। ऐसे में सेना के अधिकारियों को निराशा हाथ लगी। हालांकि अब भी उनकी ओर से प्रयास खत्म नहीं हुआ है। अगर, जिला प्रशासन तैयार हो जाए तो 17 नवंबर से भर्ती शुरू की जा सकती है।
हम हैं तैयार, अनुमति का इंतजार
सेना की भर्ती गाजीपुर में आयोजित करने को हम तैयार हैं। इंतजार है तो सिर्फ जिला प्रशासन की अनुमति का। पीजी कॉलेज का ग्राउंड देने में यदि कोई दिक्कत आ रही हो तो करमपुर स्टेडियम में भी प्रक्रिया संपन्न कराई जा सकती है।
-कर्नल विनीत प्रभात, निदेशक सैन्य भर्ती कार्यालय, वाराणसी।
गैर जनपद के अभ्यर्थियों को आपत्ति
जिले में दो बार सेना भर्ती आयोजित हो चुकी है। भर्ती रोटेशन से होती है। जौनपुर, आजमगढ़, बलिया सहित अन्य जिलों से पिछली बार आए अभ्यर्थियों ने बार-बार गाजीपुर में रैली के आयोजन पर आपत्ति जताते हुए नारेबाजी की थी। इसलिए सेना के लोग दूसरे जिलों में विकल्प तलाश रहे हैं।
-चंद्रपाल सिंह, जिलाधिकारी।
सेना से मांगी है जनपद की भागीदारी
मामला संज्ञान में है। जिलाधिकारी व सेना भर्ती बोर्ड के निदेशक कर्नल विनीत प्रभात से बात हुई है। जल्द ही इसका हल निकाल लिया जाएगा। आयोजक स्थल होने के नाते भर्ती होने वाले युवकों में जिले की 30 फीसद तक भागीदारी हो, इसके लिए सेना से हमने लिखित मांगा है।
-मनोज सिन्हा, रेल राज्यमंत्री।
दिलाएंगे अनुमति, होगी भर्ती
जिले में सेना की भर्ती आयोजित होना गौरव का विषय है। इससे यहां के युवाओं को काफी सहूलियत मिलती है और उनकी सेना में भागीदारी बढ़ती है। दो बार प्रयास कर भर्ती आयोजित कराई। तीसरी बार भी भर्ती रैली के आयोजन का प्रयास किया जा रहा है। अनुमति देने के लिए हमने डीएम से अनुरोध किया है। आवश्यकता पड़ी तो मुख्यमंत्री से भी मिलकर सहमति दिलवाएंगे।
-राधेमोहन सिंह, पूर्व सांसद।