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माननीयों ने ब्लड बैंक से खाली करा दिया खून

By Edited By: Published: Sat, 12 Apr 2014 06:57 PM (IST)Updated: Sat, 12 Apr 2014 06:57 PM (IST)

गाजीपुर : जनपद के माननीयों ने जिला अस्पताल स्थित ब्लड का खून चूस डाला। बिना एक्सचेंज किए ही अपने हट्ठे-कट्ठे चहेतों रक्तदाताओं का साठ यूनिट खून रेवड़ी की तरह बांट डाला। इससे ब्लड बैंक के हालात इतने खराब हो गये हैं कि मात्र नौ यूनिट ब्लड बचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग को यह चिंता सता रही है कि लोकसभा चुनाव में अगर इससे च्यादा खून की जरूरत पड़ी तो क्या होगा।

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जिला अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक में जनवरी माह में 70 यूनिट खून था। इसमें सभी ग्रुप के खून उपलब्ध थे। मरीजों को आसानी से किसी भी ग्रुप का खून मिल जाता था। माननीयों के चहेते मरीज को अगर खून चाहिए तो वह रक्तदाता ढूंढ़ने के बजाय माननीय या किसी जन प्रतिनिधि के दरबार में हाजिरी लगाते हैं। इसके बाद संबंधित अधिकारी को फ्री में ही खून देने का फरमान सुना दिया जाता हैं। चहेते मरीज अकड़ते हुए ब्लड बैंक पहुंचते हैं। बिना एक्सचेंज किए ही खून लेकर डीएनएस एवं आरएल की तरह चढ़वाते हैं। जनवरी से लेकर मार्च तक इन चहेते मरीजों ने ब्लड बैंक का पूरा स्टाक खाली कर दिया। इसके बाद भी वे ब्लड बैंक का चक्कर लगा रहे हैं। अब स्वास्थ्य विभाग को ब्लड बैंक के स्टाक की चिंता हो रही है। इसके लिए चिकित्सकों से रक्तदान करवाया जा रहा है। साथ ही अन्य लोगों से भी इसके लिए अनुनय-विनय किया जा रहा है।

ब्लड बैंक से खून लेने की प्रक्रिया

ब्लड बैंक में खून लोगों द्वारा किए गए रक्तदान से ही एकत्र किया जाता है। किसी मरीज को खून चाहिए तो उसे एक्सचेंज करना होगा। मतलब मरीज के परिजनों को किसी भी ग्रुप का खून देना होगा तभी उसे ब्लड बैंक से उसकी जरूरत के ग्रुप का खून मिल सकता है। इस प्रक्रिया से ब्लड बैंक में खून का स्टाक बना रहता है। इसके लिए मरीज को चार सौ रुपए सरकारी शुल्क भी भरना होता है। यह शुल्क प्रसूता, जन प्रतिनिधियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, बीपीएल एवं अंत्योदय कार्ड धारक और गंभीर रोगों से पीडि़त मरीजों को यह शुल्क नहीं देना पड़ता है।

कंगाल ब्लड बैंक पर पूरे जिले की जिम्मेदारी

जिला अस्पताल के इस कंगाल ब्लड बैंक पर पूरे जनपद की जिम्मेदारी है। जिला अस्पताल एवं जिला महिला अस्पताल के अलावा जनपद में दर्जनों छोटे-बड़े नर्सिग होम हैं। सभी को ब्लड की आवश्यकता पड़ती है तो यहीं से ले जाते हैं। यहां रक्त लेने वाले तो बहुत हैं लेकिन देने के लिए बहुत कम लोग ही आगे आते हैं, अगर मंत्री एवं जनप्रतिनिधियों का ऐसा ही रवैया रहा तो पूरा जिला तो क्या जिला अस्पताल एवं जिला महिला अस्पताल की मांग भी पूरी नहीं हो पाएंगी। इससे रक्त के अभाव में मरीजों को जान से हाथ धोना पड़ेगा।

ब्लड बैंक को मिला चौदह यूनिट रक्त

मुश्किल के दौर से गुजर रहे ब्लड बैंक के लिए हरियाणा प्रांत के डेरा सच्चा सौदा सिरसा के सदस्य सहारा बने। उनके कुल चौदह सदस्यों ने एक साथ शनिवार को जिला अस्पताल स्थित रक्त कोष भवन में रक्तदान किया। लोगों ने उनके इस कार्य की सराहना किया। रक्तदान करने वालों में गुरुशरण इंशा, रामकनगीना, रामकेर, गोगा, उदयभान, शिवपरसन, ऊषा, गुड़िया, संगीता, मीरा, लखपति, रामधनी, कमला, रामकुमार थे। इस मौके पर सीएमएस डा. वीजेपी सिन्हा, डा. अनूप कुमार, डा. मिथिलेश कुमार सिंह, पीआरओ साकेत कुमार सिंह, एलटी वृजभान सिंह, प्रेमा यादव, नंदलाल व रंजीत आदि उपस्थित थे। रक्तदाताओं ने बताया कि आज पूरे देश में डेरा सच्चा सौदा सिरसा के सदस्य रक्तदान कर रहे हैं। यह सभी रक्तदाता जहूराबाद क्षेत्र के थे।

बचे हैं मात्र नौ यूनिट रक्त

माननीयों के दबाव में बिना एक्सचेंज किए लोग ब्लड बैंक से रक्त ले जाते हैं। स्टाक खाली हो चुका है। ऐसे में अगर जरूरत पड़ी तो समस्या आ सकती है।-डा.मिथलेश, जनसंपर्क अधिकारी, ब्लड बैंक।


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