शिक्षक नहीं तो कहां से आएं बच्चे
सैदपुर (गाजीपुर) : केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान का बजट बढ़ा दिया। इधर प्रदेश सरकार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा कर रही है लेकिन शिक्षकों की कमी बरकरार है। आलम यह है कि वर्ष 2012 में स्थापित नए 50 प्राथमिक व 14 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अधिकतर एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। बच्चों की संख्या भी अपेक्षाकृत कम है।
डायट से उपलब्ध आंकड़े के मुताबिक कुल 1950 प्राथमिक व 804 पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैं। शिक्षकों की संख्या पर गौर करें तो प्राथमिक विद्यालयों में 2841, पूर्व माध्यमिक में 1569 शिक्षक और कुल 3032 शिक्षामित्र हैं। सैदपुर ब्लाक में नए 11 प्राथमिक व तीन पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अमिरहा में 12, तुलसीपुर में 13, छपरा में 11, लोहजरा में 16 अमुवारा में मात्र चार बच्चे हैं। बच्चों की संख्या न बढ़ने का कारण शिक्षकों की कमी मानी जा रही है। मात्र एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे इन विद्यालयों में अपने बच्चों को भेजने से अभिभावक परहेज कर रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि मात्र एक शिक्षक बच्चों का क्या-क्या पढ़ाएंगे। एबीएसए सुरेंद्र यादव ने शिक्षकों की कमी को स्वीकार किया। कहा कि दूसरे विद्यालयों से शिक्षकों को नए विद्यालयों में स्थानांतरित किया गया लेकिन जिले भर में शिक्षकों की कमी के चलते और शिक्षक वहां तैनात करना मुश्किल है। इधर एसएसए (सर्व शिक्षा अभियान)प्रभारी रामअवतार यादव ने बताया कि जिले में अभी तीन हजार शिक्षकों की कमी है।
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