जीना-मरना तो ऊपर वाले के हाथ में है: सदाकांत
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के बाद सरकारी स्वास्थ्
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के बाद सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री से लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत कई लोगों के बयानों पर सवाल उठ चुके हैं। शुक्रवार को कुछ ऐसी ही पुनरावृत्ति देखने को मिली। इस बार बेतुका बयान एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी द्वारा दिया गया है, जोकि शुक्रवार को गाजियाबाद के प्रभारी अधिकारी की हैसियत से जिले का निरीक्षण करने आए थे। अधिकारी ने स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रकोप और इससे हो रही मौतों को लेकर किए सवाल के जवाब में साफ तौर पर कह दिया कि जीना और मरना तो ऊपर वाले के हाथ में है।
लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं गाजियाबाद के प्रभारी अधिकारी सदाकांत शुक्रवार को जनपद के दौरे पर आए थे। इस दौरान वह एमएमजी परिसर स्थित एमसीएच ¨वग के पांच मंजिला भवन में चल रहे महिला अस्पताल में निरीक्षण के लिए पहुंचे। अस्पताल में सदाकांत को सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त मिलीं। अस्पताल में लिफ्ट, सफाई, तीमारदारों के बैठने की व्यवस्था, दवाओं की उपलब्धता को प्रदर्शित कर रहा इलेक्ट्रॉनिक डिस्पले बोर्ड को देखकर उन्होंने सीएमओ और प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक की पीठ थपथपाई। एसएनसीयू (सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट) और पोषण पुनर्वास केंद्र की उन्होंने खूब सराहना की। कहा कि अभी तक किसी भी जिले में नवजातों के इस तरह के इलाज और कुपोषित बच्चों की ऐसी देखभाल होते नहीं देखी। इस दौरान उनसे सवाल किया गया कि गाजियाबाद में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या लखनऊ के बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा है। यहां दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसके जवाब में सदाकांत ने कहा कि लोगों में स्वाइन फ्लू का नए भूत की तरह भय बैठा हुआ है, जबकि यह तो थोड़ी सी देखभाल से ठीक हो सकता है। इससे आगे बोलते ही उनकी जुबान फिसल गई और कहा कि बाकी जीना और मरना तो ऊपर वाले के हाथ में है। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी मिनिस्ती एस., एसएनसीयू इंचार्ज डॉ. विकासेंदु अग्रवाल, मलेरिया अधिकारी ज्ञानेंद्र मिश्र मौजूद रहीं।
सितंबर से सुधरेंगे हालात
दवाओं का बजट अक्टूबर-2016 से ही प्रभावित होने और पिछले 7 महीने से करीब 70 फीसदी संविदाकर्मियों का वेतन न मिलने के बारे में प्रभारी अधिकारी ने आश्वासन दिलाया कि सितंबर से बजट संबंधी सभी समस्याएं सुलझा ली जाएंगी। दवाओं की आपूर्ति प्रभावित न हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है। वहीं सचिव के निरीक्षण की जानकारी आधा घंटा पहले ही मिल जाने से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार गुप्ता ने अस्पताल पहुंचकर सारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराया। इस दौरान मरीजों के तीमारदारों को अस्पताल से बाहर कर दिया गया। जाते समय लोगों ने उनसे इस बात की शिकायत भी की। एक व्यक्ति ने मरीज से मिलने के एवज में गार्ड द्वारा पैसे लेने का भी आरोप लगाया। इसको लेकर उन्होंने सीएमओ को जांच कराने के निर्देश दिए।