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ई-वे-बिल में व्यापारियों को नहीं होगी कोई परेशानी

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : प्रदेश में ई-वे-बिल लागू होने के साथ ही व्यापारियों के दिलों क

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Aug 2017 03:03 AM (IST)Updated: Sat, 19 Aug 2017 03:03 AM (IST)
ई-वे-बिल में व्यापारियों को नहीं होगी कोई परेशानी

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : प्रदेश में ई-वे-बिल लागू होने के साथ ही व्यापारियों के दिलों की धड़कनें भी बढ़ी हुई हैं। गुड्स एंड सर्विस टैक्स में माल की सप्लाई के वक्त विभिन्न तरह के फार्म की बाध्यता से व्यापारियों को मुक्त रखा गया था, अब ई-वे-बिल लागू होने पर माल की सप्लाई पर विभिन्न तरह के फार्म जेनरेट कर व्यापारियों को रखने होंगे। इस बीच व्यापरियों के लिए सबसे सुखद बात यह है कि माल या वाहन को जब्त करने जैसी कार्रवाई अधिकारी नहीं कर पाएंगे। इस संबंध में राज्य कर विभाग के लखनऊ मुख्यालय से अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। राज्य कर आयुक्त मुकेश मेश्राम ने सचल दल यूनिट को ई-वे-बिल के संबंध मे आवश्यक निर्देश दिए हैं। इससे निश्चित तौर पर व्यापारियों की दिक्कतें भी कम होंगी और चे¨कग के नाम पर व्यापारियों को नाहक परेशान नहीं किया जाएगा। मुख्यालय से अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि व्यापारियों का जांच के नाम पर उत्पीड़न न किया जाए।

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ई-वे-बिल के लिए जारी किए गए ये निर्देश

. सचल दल इकाइयों द्वारा रूटीन जांच नहीं की जाएगी बल्कि ज्वाइंट कमिश्नर के निर्देश पर सूचना पर आधारित जांच की जाएगी।

. 50 हजार से कम के माल के परिवहन की जांच नहीं की जाएगी और 50 हजार से कम के मूल्य का माल परिवहन बिना ई-वे-बिल के किया जा रहा है तो भी जांच या माल को कब्जे में लेने की कार्रवाई नहीं की जाएगी।

. बिना ई-वे-बिल 01 के यदि 50 हजार रुपये से अधिक का माल परिवहन किया जा रहा है तो ऐसे माल को रोक कर उसके लिए ई-वे-बिल डाउनलोड कराया जाएगा। व्यापारी ने ई-वे-बिल डाउनलोड कर लिया है तो अग्रिम कार्रवाई नहीं की जाएगी।

. जहां ई-वे-बिल अपेक्षित नहीं हैं, वहां यदि माल टैक्स इनवॉयस, बिल ऑफ सप्लाई द्वारा परिवहन किया जा रहा है तो उसे बिलकुल नहीं रोका जाएगा। टैक्स इनवॉयस या बिल ऑफ सप्लाई में कोई तकनीकी दिक्कत मिलती भी है तो व्यापारी को भविष्य में गलती न करने के लिए कहा जाएगा।

सचल दल यूनिट को मुख्यालय से मिले आदेशों के बारे में जानकारी दी गई है। ई-वे-बिल लागू होने के बाद व्यापारियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि शासन की मंशा के अनुरूप ही जांच का काम किया जाए।

प्रदीप यादव, एडिशनल कमिश्नर

राज्य कर विभाग


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