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पुलिस ने राहुल गांधी को बना दिया घरेलू सहायक

जासं, साहिबाबाद (गाजियाबाद): कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कौन नहीं पहचानता लेकिन इंदिरापुरम पुलिस शा

By Edited By: Published: Wed, 25 May 2016 09:05 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2016 09:05 PM (IST)
पुलिस ने राहुल गांधी को बना दिया घरेलू सहायक

जासं, साहिबाबाद (गाजियाबाद): कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कौन नहीं पहचानता लेकिन इंदिरापुरम पुलिस शायद उन्हें नहीं पहचानती। पहचानती होती तो घरेलू सहायकों के परिचय पत्र संबंधी फार्म पर वह राहुल गांधी पुत्र स्वर्गीय राजीव गांधी के नाम पर मुहर कैसे लगा देती। यह पुलिस की लापरवाह कार्यप्रणाली का नमूना है। हालांकि थाना पुलिस यह मानने से इन्कार कर रही है लेकिन सवाल यह उठता है कि यह शरारत किसने की? कल को आतंकवादी भी किसी थाने से घरेलू सहायक के रूप में परिचय पत्र जारी करा सकते हैं। इंदिरापुरम सोसायटी के पदाधिकारियों ने इस बारे में पुलिस अधिकारियों को लिखित शिकायत भेजी है।

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बुधवार को इंदिरापुरम वैभव खंड की आवासीय सोसायटी एचआरसी प्रोफेशनल में घरेलू सहायकों को परिचय पत्र जारी करने की प्रक्रिया में एओए स्टाफ को एक फॉर्म पर कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी का नाम, पता और फोटो लगी मिली। यह फॉर्म इंदिरापुरम थाना पुलिस की ओर से मुहर लगाकर सत्यापित भी किया हुआ है। सोसायटी स्टाफ की सूचना पर एओए पदाधिकारियों ने इसकी शिकायत एसएसपी और एसपी सिटी समेत से की।

फार्म में यह है दर्ज

राहुल गांधी और उनके पिता का नाम, तुगलक लेन का पता दर्ज है। फार्म पर एचआरसी प्रोफेशनल के प्राइड - ए 1002 का पता दर्ज है और मकान मालिक का नाम अरुण शर्मा लिखा गया है। राहुल गांधी का फोटो भी लगा है।

सत्यापन कराने वाले दलाल हैं सक्रिय

इंदिरापुरम, वैशाली, कौशांबी समेत सभी क्षेत्रों में पुलिस सत्यापन के नाम पर खेल हो रहा है। एओए की ओर से घरेलू सहायकों और ड्राइवरों के पता सत्यापन की अनिवार्यता रखी गई है। काम करने के इच्छुक लोग खुद फार्म भरकर स्थानीय पुलिस चौकी के चक्कर लगाते हैं। चौकी और थाने से पता सत्यापन कराने वाले दलाल पांच सौ रुपये लेकर प्रक्रिया पूरी करा देते हैं। पुलिस के पास सत्यापन का कोई रजिस्टर नहीं है इसलिए असली और नकली सत्यापन का पता ही नहीं चल पाता। एटीएस सोसायटी में अर्शी मलिक हत्याकांड के दौरान भी पुलिस सत्यापन में लापरवाही उजागर हुई थी।

पुलिस थाने में ऐसा सत्यापन नामुमकिन : एसएचओ

एचआरसी निवासी अरुण शर्मा का कहना है कि उनके घर पर रसोइया और घरेलू सहायिका पहले से काम कर रही है। उन्होंने कोई ऐसा आवेदन किया ही नहीं है। दूसरी ओर एसएचओ इंदिरापुरम गोरखनाथ यादव का कहना है कि पुलिस थाने से ऐसा सत्यापन होना मुमकिन नहीं है। यह कोई फर्जीवाड़ा ही हो सकता है। मामले की जांच कराई जाएगी।


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