राम वनवास का सुनाया प्रसंग
जागरण सवांददाता, वैशाली : राम का वन जाना तो एक बहाना था। असल मकसद अत्याचार व पापाचार को धरती से मि
जागरण सवांददाता, वैशाली :
राम का वन जाना तो एक बहाना था। असल मकसद अत्याचार व पापाचार को धरती से मिटाना था। भगवान राम ने जीवन में जो आदर्श स्थापित किए वह सदा ही अनुकरणीय है। वैशाली सेक्टर चार में दिव्य ज्योति जागृति संस्था की ओर से हो रही राम कथा में कथा वाचक के रूप में मौजूद साध्वी दीपिका भारती ने यह प्रसंग सुनाया।
साध्वी ने कहा कि भगवान राम का मर्यादा पुरुषोत्तम थे। उन्होंने प्राणियों को कर्तव्यबोध का पाठ पढ़ाया। जब जब धरती पर पाप बढ़ जाता है तो भगवान नर रूप में अवतरित होते हैं। भगवान राम के इस आदर्श स्थापना में माता सीता, लक्ष्मण समेत पूरे राम परिवार का है। माता सीता का त्याग नारी जाति के लिए आदर्श है। राम कथा को सुनने के लिए वैशाली के अलावा वसुंधरा इंदिरापुरम से लोग आ रहे हैं। बृहस्पतिवार को कथा के उपरांत श्री हरि की आरती हुई। प्रसाद वितरण हुआ। इस मौके पर चैतन्य भारती, स्वामी नरेशानंद, अनाम ¨सह समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
मित्र वहीं जो दुख में काम आवे : आचार्य राम लोचन
जासं, वैशाली : वैशाली सेक्टर एक के तिकोना पार्क में हो रही श्रीमद भागवत कथा के पांचवे दिन
कृष्ण सुदामा के चरित्र का गुणगान हुआ। गोवर्धन पर्वत को अंगुली पर उठाने का प्रसंग सुनाया गया। कथा व्यास आचार्य राम लोचन शास्त्री ने कहा कि कृष्ण-सुदामा की मित्रता यह बताती है कि भेदभाव, ऊंचनीच की भावना से बड़ी है मित्रता। भगवान की निगाह में सभी बराबर है। जो जैसा कर्म करेगा वैसा फल पाएगा।
कहा कि सच्चा मित्र वही होता है जो दुख पड़ने पर मित्र के साथ खड़ा होता है। कथा को सुनने के लिए भक्त दूर-दूर से आ रहे हैं। इस मौके पर कथा की व्यवस्था में कला खोलिया, उमेश सूरी, नवीन खोलिया समेत कालोनी के के अन्य लोग प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।