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रॉयल टावर में महिलाओं का फूटा गुस्सा

जागरण संवाददाता, इंदिरापुरम: शिप्रा सनसिटी के रॉयल टावर में पुरानी अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन द्वारा नई

By Edited By: Published: Sun, 30 Aug 2015 08:46 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2015 08:46 PM (IST)
रॉयल टावर में महिलाओं का फूटा गुस्सा

जागरण संवाददाता, इंदिरापुरम: शिप्रा सनसिटी के रॉयल टावर में पुरानी अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन द्वारा नई कमेटी को चार्ज न देने से रविवार को महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा। महिलाओं ने सोसायटी से शिप्रा सन सिटी पुलिस चौकी तक जुलूस निकाला। गुस्से से भरी महिलाओं ने रास्ते भर पुरानी कमेटी के खिलाफ नारेबाजी की। चौकी का घेराव करने के बाद महिलाओं ने पूर्व पदाधिकारियों का घर घेरकर प्रदर्शन किया। अंत में महिलाओं ने सोसायटी के लोगों के साथ बैठक कर नई कमेटी को कई महत्वपूर्ण अधिकार दे दिए।

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रॉयल टावर की महिलाएं रविवार को वी वांट जस्टिस, शेम शेम के नारे लगाते हुए शिप्रा पुलिस चौकी पहुंची। चौकी के दीवान रवींद्र को ज्ञापन सौंपकर न्याय दिलाने की मांग की। महिलाओं ने बताया कि दीवान रवींद्र ने फोन पर निवर्तमान बोर्ड के सदस्यों से बात की। पूर्व अध्यक्ष एसके झा को चौकी पर बुलाया, लेकिन वह नहीं आए। उसके बाद पुलिस ने पूर्व उपाध्यक्ष हरीश झारिया से बात की। हरीश झारिया ने अपना इस्तीफा भेज दिया। इसके बाद पुलिस ने सचिव सुधीर अखौरी से फोन पर बात की, उन्होंने भी इस्तीफा देने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। पुलिस के फोन करने पर बोर्ड के सदस्य एके भान ने अपने प्रतिनिधि के हाथों अपना इस्तीफा पुलिस चौकी भेज दिया। अंत में एक बार फिर से पुलिस की ओर से पूर्व अध्यक्ष एसके झा को फोन किया गया, लेकिन वह नहीं चौकी नहीं पहुंचे।

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पूर्व पदाधिकारियों का घर घेरा: पुलिस चौकी पर पूर्व अध्यक्ष एसके झा के न पहुंचने पर महिलाएं सोसायटी आकर पूर्व उपाध्यक्ष हरीश झारिया और बोर्ड सदस्य एके भान के घर के बाहर पहुंच कर नारेबाजी की। महिलाओं ने उनसे सहयोग की अपील की। महिलाओं ने बताया कि दोनों पदाधिकारियों ने इस्तीफा देने की बात कहकर बात टालने की कोशिश की। महिलाओं ने उनको घेरे रखा। जब दोनों पदाधिकारियों ने सहयोग करने का आश्वासन दिया, तब महिलाएं वहां से हटी।

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हुई बैठक :

महिलाओं के प्रदर्शन के बाद सोसायटी के लोगों की बैठक हुई। बैठक में शामिल लोगों ने सर्व सम्मति से तय किया कि निर्वाचित बोर्ड बैंक खाते को संचालित करे। आरटीआरडब्ल्यू के समस्त वित्तीय लेनदेन करे। लिफ्ट के रखरखाव के लिए कंपनी से बात करके उसका नवीनीकरण करवाए। सुरक्षा गार्डों के वेतन व सफाई व्यवस्था में आने वाले खर्चे का भुगतान करने का अधिकार भी नए बोर्ड को दिया गया। यह भी तय हुआ कि यदि किसी कारणवश बैंक खाता से लेनदेन में दिक्कत आती है, तो एक नया खाता खोला जाए। जरूरत पड़ने पर सब लोग नए खाते में पैसे जमा करेंगे, ताकि सोसायटी में रहने वाले लोगों को दिक्कत ना हो। साथ में यह भी फैसला लिया कि जब तक ऑफिस की चाभी पूर्व अध्यक्ष एसके झा नए बोर्ड को नहीं देते हैं, तब तक कमरा संख्या 200 से नया बोर्ड अस्थायी दफ्तर के तौर पर काम काज देखेगा। नए बोर्ड के सदस्य अजय ¨सघल ने बताया कि भविष्य के खतरे के मद्देनजर ये फैसले लिए गए हैं। इस दौरान शशि बाला मिश्रा, सुशीला जोशी, सुशीला बाली, रिमी पांडा, अलका जैन, जयंती प्रसाद, चारू गोयल, अंजली देयोल, कोमल त्यागी, वंदना ¨सह, अल्पना द्विवेदी, सोमा दत्ता, माला छाबड़ा आदि शामिल रहीं।


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