भ्रष्टाचार रोकने के लिए सरकारों ने सिर्फ बयान दिए : भूषण
जागरण संवाददाता, कौशांबी : केंद्र और प्रदेशों की सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए सिर्फ बयान दिए
जागरण संवाददाता, कौशांबी :
केंद्र और प्रदेशों की सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए सिर्फ बयान दिए हैं। गुजरात में लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की गई। मोदी सरकार की ओर से केवल बयान दिए जा रहे हैं। यह कहना है कि वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण का। वह रविवार को कौशांबी स्थित एक माल के बैंक्वट हाल में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम का विषय था भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने और राजनैतिक दलों की भूमिका। भूषण ने कहा कि भारत के धन को स्टॉक के माध्यम से विदेशों में भेजा गया है। पहले आवंटन के लिए भ्रष्टाचार हो रहा था और अब कंपनियों को जोड़कर उनसे साझेदारी ली जा रही है।
भूषण ने कहा है कि लोगों को जागरूक कर ही भ्रष्टाचार को मात दिया जा सकता है। उन्होंने मोदी सरकार पर केवल भ्रष्टाचार दूर करने के बयान देकर कार्य नहीं करने का आरोप लगाया है। भूषण ने आरटीआइ के मु्द्दे पर सभी राजनैतिक दलों के एक होने पर निशाना साधा और कहा कि जब खुद राजनैतिक दल भ्रष्टाचार में आते हैं तो एक हो जाते हैं। कारवां के अध्यक्ष विनय मित्तल ने उन्हें प्रतीक चिन्ह देकर सम्मनित किया। साथ ही कारवां के कोर्ट में चल रहे अलग-अलग मामलों में सलाह प्रदान करने के लिए भी उनका धन्यवाद दिया। इस दौरान प्रशांत भूषण की पत्नी दीपा, डा. कनक मित्तल, एसयू खान, राजामणि, विनय माहेश्वरी, दिनेश, वीपी गुप्ता, आरके शर्मा, मनीष जैन, केपी ¨सह, शिवरामकृष्णा, प्रभा सिंह, योगेश चौहान ऋषिकेश चोपड़ा मौजूद रहे।
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कारवां की पहल पर ठेके बंद करवाएंगे भूषण :
कारवां के अध्यक्ष विनय कुमार मित्तल का कहना है कि अब कारवां की ओर से शराब ठेकों पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ पीआइएल दाखिल करने की तैयारी की जा रही है। कारवां की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण पीआइएल दाखिल कर पूरे प्रकरण की कमान संभालेंगे। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अस्पताल, स्कूल, कालेज और धार्मिक स्थल के सौ मीटर के दायरे में शराब की दुकान को खोलना गैर कानूनी है जबकि प्रदेश सरकार की ओर से पचास मीटर के दायरे में ही शराब की दुकानों व ठेकों को इजाजत दी जा रही है। विनय मित्तल ने कहा कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने और लड़ाई लड़ने के लिए भूषण की ओर से सहमति बन चुकी है। कारवां इस मामले में प्रदेश सरकार, जिलाधिकारी, एसएसपी, आबकारी आयुक्त और लाइसेंस जारी करने में सहायता करने वाले विभागों को भी घेरेगी।