अर्थला में बेघर हुए लोग पहुंचे नगर आयुक्त कार्यालय
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : अर्थला झील पर हुए अतिक्रमण पर रविवार को चले नगर निगम के बुलडोजर के बा
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद :
अर्थला झील पर हुए अतिक्रमण पर रविवार को चले नगर निगम के बुलडोजर के बाद बेघर हुए दर्जन भर लोग सोमवार को नगर आयुक्त कार्यालय पहुंचे। उन्होंने मकानों के कागजात ओएसडी एमपी ¨सह के सामने प्रस्तुत किए। उनका कहना था कि उन्होंने लाखों रुपये देकर जमीन खरीदी है। जमीन की नोटरी हुई है। नगर निगम के अधिकारी जमीन के कागजात की जांच में जुट गए हैं।
अर्थला झील की जमीन को कुछ भूमाफियाओं ने अधिकारियों की मिलीभगत से प्ला¨टग कर बेच दी है। झील की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर एनजीटी में जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें छह अगस्त को तरीख है। नगर निगम व प्रशासन को स्टेटस रिपोर्ट के साथ अपना पक्ष रखना है। एनजीटी की सख्ती के बाद नगर निगम व प्रशासन ने अतिक्रमण ढहाने की कार्रवाई की है। इसमें करीब एक दर्जन लोग बेघर हो गए हैं। बेघर हुए लोगों में बच्चे व बीमार भी हैं। रात खुले आसमान के नीचे गुजारने के बाद सोमवार को पीड़ित लोग नगर आयुक्त कार्यालय पहुंचकर अपनी व्यथा सुनाई।
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लोगों ने कहा पानी के अंदर बिक चुकी है जमीन :
भूमाफियाओं ने झील के अंदर की जमीन भी बेच ली हैं। अब पानी सूखने का इंजतार कर रहे हैं। यह सब एक दिन में नहीं हुआ है। सालों से यह खेल चल रहा है। बेघर हुए लोगों का कहना है कि हमने तो अपनी गाढी कमाई देकर जमीन खरीदी थी। सालों बाद अब अचानक कहां से अवैध हो गए। साहिदा के पति को टीवी हुआ है। चार बच्चे भी हैं। घर ढहने के बाद तो उनके ऊपर मानो विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है। साहिदा की तरह आबिदा भी बेघर हो चुकी हैं। उनका कहना है कि छह लाख रुपये देकर जमीन खरीदी थी। अब विक्रेता मिल नहीं रहा जिससे हम हिसाब मांगे। वहीं अधिकारी इंसाफ की बात कर रहे हैं।
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कौन है खलील, पहलवान :
बेघर हुए लोग बार-बार खलील व पहलवान का नाम ले रहे हैं। ये दोनों कौन हैं यह अभी साफ नहीं हो पाया है। लोगों का कहना है कि इन दोनों ने ही जमीन बेची है। झील की जमीन कैसे बेच दी गई। प्रशासन व नगर निगम क्या कर रहा था। कैसे जमीन की रजिस्ट्री हो गई। कौन है खलील व पहलवान। इन सब प्रश्नों के उत्तर अभी तक मिलने बाकी हैं।
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प्लाट के कागजात लोगों से मांगे गए हैं। कागजात की जांच रजिस्ट्री कार्यालय से मिलकर कराई जाएगी। भूमाफियाओं का पता लगाया जाएगा। मामले में दोषी लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
-एमपी ¨सह, ओएसडी, नगर निगम, गाजियाबाद।