शिक्षकों से ही संस्कार व ज्ञान की धारा प्रवाहित
जागरण संवाददाता, वसुंधरा : समाज में ज्ञान और संस्कार की धारा का प्रवाह बनाए रखने का अहम कार्य शिक्
जागरण संवाददाता, वसुंधरा :
समाज में ज्ञान और संस्कार की धारा का प्रवाह बनाए रखने का अहम कार्य शिक्षकों के जिम्मे है। यही वजह है कि शिक्षक को ही देश का भावी निर्माता माना गया है। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में आयोजित ऑरियंटेशन कार्यक्रम में इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने बीएड-बीटीसी के विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने विद्यार्थियों से उनके करियर, बीएड व बीटीसी करने के फैसले पर अनेक सवाल-जवाब किये। डॉ. गदिया ने कहा कि समाज में नई पीढ़ी को संस्कारित करने की जिम्मेदारी नौजवानों की है। युवा पीढ़ी को शिक्षित और सामाजिक व सांस्कृतिक चेतना की गतिविधियों में दीक्षित करने का दायित्व मेवाड़ बखूबी निभाता रहा है और आगे भी निभाएगा। मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस की निदेशक डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा कि मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस में भिन्न शिक्षण पद्धति के अलावा अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक व देशभक्तिपूर्ण गतिविधियों से विद्यार्थियों को रूबरू कराया जाता है। उनका यह मिशन निरंतर जारी रहेगा। इस मौके पर मेवाड़ की टॉपर्स अंजू त्यागी, यशोदा व आकांक्षा गर्ग ने शिक्षा, मेवाड़ की सांस्कृतिक गतिविधियों व आपसी सहयोग की भावना पर अपने अनुभव साझा किए।