ढाई लाख की आबादी के सामने पेयजल सकंट
जागरण संवाददाता, इंदिरापुरम (गाजियाबाद): जल निगम द्वारा कई बार चेताने के बाद भी नगर निगम द्वारा गंभी
जागरण संवाददाता, इंदिरापुरम (गाजियाबाद): जल निगम द्वारा कई बार चेताने के बाद भी नगर निगम द्वारा गंभीरता से संज्ञान नहीं लेने का खामियाजा ट्रांस ¨हडन की दो दर्जन से अधिक कॉलोनियों के ढाई लाख उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। चार साल में 12 करोड़ रुपये का लंबा बकाया हो जाने के बाद भी नगर निगम द्वारा पैसा नहीं दिए जाने पर वसुंधरा, वैशाली व कौशांबी के लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। प्रताप विहार स्थित गंगाजल ट्रीटमेंट प्लांट से इन कॉलोनियों को 23 क्यूसेक की जगह अब पांच क्यूसेक जल मिल रहा है। यह पानी ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। हालात यह है कि शुक्रवार की शाम को इन कॉलोनियों को गंगाजल नहीं मिला जबकि शनिवार की सुबह पानी आया ही नहीं।
लोगों को गर्मी में पेयजल के लिए तरसना पड़ रहा है। लोगों को मजबूरी में बाजार में बिकने वाले बोतल के पानी पर निर्भर होना पड़ रहा है। नगर निगम व जल निगम के लेनदेन में जनता पिस रही है। पेयजल संकट के चलते लोग परेशान हैं। लोगों का कहना है कि नगर निगम तो उनसे टैक्स ले रहा है। तो उसे पानी के लिए क्यों जूझना पड़ रहा है।
शुक्रवार की शाम नहीं आया पानी : शुक्रवार की शाम वसुंधरा, वैशाली, डेल्टा कालोनी, कौशांबी की विभिन्न कालोनियों में पेयजल आपूर्ति ठप रही। शाम को लोग पानी का इंतजार करते रहे। मजबूरी में लोगों ने पानी का जार बाजार से खरीदकर प्यास बुझाई। शनिवार को सुबह पानी आया, लेकिन डेढ़ घंटे की जगह 15 से 25 मिनट ही पानी आया। इससे लोगों को आधे से कम पानी मिला। लोगों में गर्मी बढ़ने के साथ हो रही पेयजल किल्लत से रोष है।
क्या है मामला : प्रताप विहार से स्थित गंगाजल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से नोएडा को 20 व इंदिरापुरम को सात एवं वसुंधरा, वैशाली, कौशांबी, डेल्टा कालोनी को 23 क्यूसेक गंगाजल सप्लाई किया जाता है। इंदिरापुरम में जीडीए व वसुंधरा वैशाली, कौशांबी एवं डेल्टा कालोनी में नगर निगम की ओर से मेंटीनेंस व जल मूल्य दिया जाता है। लेकिन नगर निगम की ओर से पिछले चार साल से करीब 12 करोड़ रुपये का बकाया है जो जमा नहीं किया जा रहा है। पैसे के लिए जल निगम के प्लांट प्रभारी द्वारा नगर आयुक्त से कई बार बकाये पैसे की मांग की गई, लेकिन हर बार अभी बजट नहीं है कहा कर टाल दिया गया है।
बिजली का बिल तक जमा करने के लिए नहीं है पैसा : जल निगम के सूत्रों की माने तो प्लांट का संचालन मुश्किल हो रहा है। उधार बहुत हो गया है। बिजली का बिल ही करीब 55 लाख रुपये हो गया है। विद्युत निगम का भी दबाव बन रहा है। विद्युत निगम भी कुछ जमा कराने की बात करा रहा है, लेकिन जल निगम के पास बिल जमा करने भर का भी पैसा नहीं है। यदि नगर निगम बकाया जमा कर दे। स्थित काफी सुधर जाएगी।
दो में से एक पंप से ही हो रही सप्लाई : प्लांट पर दो पंप 25 क्यूसेक के लगे हैं। इनमें से एक पंप ही चल रही है। 50 क्यूसेक की जगह 25 क्यूसेक गंगाजल ही सप्लाई हो रहा है। नोएडा व इंदिरापुरम को छोड़कर ट्रांस ¨हडन के वसुंधरा जोन में गंगाजल आपूर्ति प्रभावित है।
हफ्ते भर समाप्त हो जाएगी शुद्धिकरण की सामग्री : नगर आयुक्त से बात हुई है। जल्द ही पैसे देने का आश्वासन दिया जा रहा है। जल्द ही पैसा नहीं मिला तो अगले हफ्ते सप्लाई पूरी तरह से ठप हो जाएगी। गंगाजल को शुद्ध करने वाली सामग्री एलम 15 टन व क्लोरीन दो सिलेंडर बचे हैं। एक पंप चलेगा तो दस दिन और दोनों चलेगी तो पांच दिन से अधिक आपूर्ति नहीं हो पाएगी। अभी 25 क्यूसेक में से पांच क्यूसेक वसुंधरा को सप्लाई मिल रही है। लेकिन पैसा नहीं मिला तो यह भी बंद हो जाएगी।
- आरके अग्रवाल, प्रभारी गंगाजल ट्रीटमेंट प्लांट, प्रताप विहार, गाजियाबाद।
जल निगम के अधिकारियों से वार्ता हो गई है। पालिसी बन रही है। कुछ पैसा आज शाम तक या कल तक दे दिया जाएगा। हफ्ते भर बकाया का कुछ भाग दे दिया जाएगा। पेयजल किल्लत नहीं होने दी जाएगी।
- डीके सिन्हा, अपर नगर आयुक्त, गाजियाबाद।