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ई-टेंडरिंग व्यवस्था ने उडा़ए प्रभावशाली ठेकेदारों के होश

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बगैर ई-टेंडरिंग सिस्टम के अब कोई भी ठेकेदार शायद ही कार्यो का ठेका ले प

By Edited By: Published: Wed, 04 Mar 2015 08:29 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2015 08:29 PM (IST)
ई-टेंडरिंग व्यवस्था ने उडा़ए 
प्रभावशाली ठेकेदारों के होश

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बगैर ई-टेंडरिंग सिस्टम के अब कोई भी ठेकेदार शायद ही कार्यो का ठेका ले पाए। नगर निगम में पूर्ण रूप से ई-टेंडरिंग सिस्टम लागू हो जाने के बाद अब प्रभावशाली ठेकेदारों के होश उड़ने लगे हैं। अभी तक कई ठेकेदार मंत्री से लेकर अफसरों की सिफारिश के बलबूते टेंडर डालने के बाद ठेका लेने में कामयाब हो जाते थे लेकिन ई-टेंडरिंग सिस्टम लागू होने की वजह से अब किसी भी ठेकेदार की सिफारिश व प्रभाव निगम में नहीं चल पा रहा है। ऐसे में ई-टेंडरिंग सिस्टम को बंद कराने के लिए ठेकेदारों में लामबंदी शुरू हो गई है। दरअसल, जनवरी व फरवरी में तत्कालीन नगर आयुक्त आरके सिंह ने ई-टेंडरिंग सिस्टम को पूर्ण रूप से लागू करने के लिए ठेकेदारों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराए थे। निगम में ई-टेंडरिंग सिस्टम के बाद नगरीय सड़क सुधार योजना के तहत करीब 31 करोड़ के विकास कार्य कराए जाएंगे जबकि महापौर व पार्षदों के कोटे से करीब 16 करोड़ के विकास कार्य वार्डो में कराए जाएंगे। निगम के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि ई-टेंडरिंग सिस्टम के जरिए निर्माण के करीब 46 करोड़ के विकास कार्य ठेकेदार करेंगे। नगर निगम के चीफ इंजीनियर की मानें तो अभी तक ठेकेदार टेंडरों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। ई-टेंडरिंग सिस्टम के जरिए अब एक लाख से ऊपर के सभी विकास कार्य कराने के लिए ठेकेदार का ई-टेंडरिंग में रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है। इस धनराशि से लेकर करोड़ों के कार्यो के लिए इसके बिना ठेकेदार टेंडर हासिल नहीं कर पाएंगे। इसलिए ठेकेदारों ने अब इस सिस्टम को बंद कराने के लिए पुरजोर तरीके से लामबंदी शुरू कर दी है। निगम के कुछ पार्षद भी इस ई-टेंडरिंग सिस्टम को बंद कराने के लिए ठेकेदारों की हां में हां मिला रहे हैं। हालांकि निगम में फिलहाल इस सिस्टम की वजह ठेकेदारों की मनमानी व टेंडरों में घपलेबाजी पर काफी हद तक रोक लगने की उम्मीद दिख रही है।

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नगर निगम में ई-टेंडरिंग सिस्टम से करीब 46 करोड़ के कार्यो की शुरुआत होली के बाद कराने के लिए ठेकेदारों को वर्क आर्डर जारी किए जाएंगे। पार्षदों के कोटे के अलावा नगरीय सड़क सुधार योजना के तहत 30 करोड़ के कार्य इससे कराए जाएंगे। फिलहाल इस योजना में साढे़ छह करोड़ रुपया शासन से मिल चुका है। ठेकेदार ई-टेंडरिंग सिस्टम को बंद कराने की फिराक में हैं लेकिन इसे बंद नहीं होने दिया जाएगा।

आरके मित्तल

चीफ इंजीनियर, नगर निगम गाजियाबाद।


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