सीएम के सामने धरना देंगेछह गांवों के किसान
जागरण संवाददाता, वसुंधरा : आवास विकास परिषद की वसुंधरा योजना के लिए अपनी खेतिहर जमीन देने वाले किसान
जागरण संवाददाता, वसुंधरा : आवास विकास परिषद की वसुंधरा योजना के लिए अपनी खेतिहर जमीन देने वाले किसान अब धरना देने पर आमादा हैं। परिषद की कार्यशैली से खुद को ठगा महसूस कर रहे किसानों ने मुख्यमंत्री के आने के दौरान ¨लक रोड पर धरना देने का ऐलान किया है। छह गांवों साहिबाबाद, अर्थला, मकनपुर, प्रह्लाद गढ़ी, झंडापुर और कनावनी के सैकड़ों किसानों ने इस सिलसिले में किसान संघर्ष समिति का गठन भी किया है। समिति की ओर से 22 जनवरी को मुख्यमंत्री कार्यालय पत्र भी भेजा गया है। इसमें ¨लक रोड पर धरने का ऐलान करते हुए अपनी समस्या की जानकारी भी दी गई है। करीब डेढ़ दशक पूर्व हुए त्रिपक्षीय समझौते के लागू नहीं होने से छह गांवों के किसानों में खासा आक्रोश है।
समिति के सह सचिव आदेश त्यागी ने बताया कि वसुंधरा योजना के विस्थापित किसानों के साथ लगातार वादाखिलाफी की जा रही है। वर्ष 1999 में आवास विकास परिषद के आयुक्त और जिलाधिकारी गाजियाबाद के साथ किसानों की त्रिपक्षीय वार्ता हुई थी। इसमें कई बिंदुओं पर सहमति भी बनी लेकिन आज तक उन्हें लागू नहीं किया गया। किसानों की मंडलायुक्त के साथ भी वार्ता हुई है। दो साल पहले अपर आवास आयुक्त एवं सचिव आरपी ¨सह के साथ भी वार्ता हुई। इस वार्ता का कोई परिणाम नहीं निकला तो किसानों ने मुरादाबाद के विधायक के साथ मिलकर मुख्यमंत्री को पत्र सौंपा। मुख्यमंत्री के सचिव आलोक कुमार ने कार्यवाही के लिए परिषद को निर्देश दिया लेकिन आज तक कोई अमल नहीं हुआ। इससे किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। किसानों से जो जमीन परिषद ने 52 करोड़ रुपये में खरीदी थी, उससे अब तक 100 अरब रुपये की संपत्ति बेची जा चुकी है। किसानों से 50 रुपये वर्गगज खरीदी गई जमीन अब 1,21,500 रुपये वर्ग गज में बेची जा रही है। इस नाइंसाफी के खिलाफ ही किसानों ने आंदोलन का ऐलान किया है।
- क्या हैं किसानों की मांग
- किसानों की भूमि का मुआवजा तुरंत तय कराया जाए।
- वसुंधरा योजना के प्रभावित छह गांवों का संपूर्ण विकास कराया जाए। इंटर कॉलेज, सीवर लाइन, पेयजल, प्रकाश आदि सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
- विस्थापित किसानों को दुकान के बजाय 50 वर्गमीटर के व्यावसायिक भूखंड दिए जाएं।
- किसानों को सामुदायिक भूमि आवंटन और सामुदायिक केंद्र में आविप कर्मचारियों की तरह आरक्षण शुल्क में छूट दी जाए।
- किसानों के बच्चों को भी वसुंधरा के शैक्षिक संस्थानों में भी प्रवेश व शुल्क व्यवस्था में 75 से 90 फीसदी छूट दी जाए।
- वसुंधरा योजना के सेक्टर सात व आठ में किसानों के बच्चों के लिए क्रीड़ा स्थल व सामाजिक समारोह स्थल की भूमि आरक्षित की जाए।