गन्ना तैयार, चीनी मिल चलने का इंतजार
अशोक ओझा, मोदीनगर : खेतों में गन्ने की फसल तैयार है लेकिन चीनी मिल चलने की सूरत नहीं दिखाई दे रही
अशोक ओझा, मोदीनगर :
खेतों में गन्ने की फसल तैयार है लेकिन चीनी मिल चलने की सूरत नहीं दिखाई दे रही है। पिछले वर्ष तो दिसंबर के पहले सप्ताह में पेराई सत्र शुरू हुआ था। इस स्थिति में जहां किसान परेशान हैं, वहीं प्रशासन इस बात को लेकर परेशान है कि गन्ना किसानों का आंदोलन अब इसी मुद्दे पर कहीं शुरू न हो जाए।
मोदी चीनी मिल का रेकार्ड उठाकर देखा जाए तो आज से पांच वर्ष पूर्व तक मोदी चीनी मिल का पेराई सत्र दीपावली से पहले ही शुरू हो जाया करता था, लेकिन इसके बाद हर वर्ष पेराई सत्र लगातार देरी से चलने लगा। इस देरी में हर वर्ष कुछ वृद्धि ही होती है। पिछले वर्ष तो पेराई सत्र चार दिसंबर से उस समय शुरू हुआ जब किसानों ने पेराई सत्र शुरू करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था। इस वर्ष भी गन्ने की फसल तैयार है। लेकिन पेराई सत्र शुरू होने की उम्मीद कहीं नजर नहीं आ रही। हालांकि भारतीय किसान यूनियन समेत राजनीतिक दलों ने प्रशासन के साथ ही गन्ना विभाग पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
तहसील दिवस में भी हावी रहा पेराई सत्र का मुद्दा
मंगलवार को तहसील दिवस में भी जिलाधिकारी विमल कुमार शर्मा के सामने पेराई सत्र होने का मुद्दा छाया रहा। भारतीय किसान यूनियन के साथ ही रालोद ने भी पेराई सत्र जल्द शुरू करने की मांग जिलाधिकारी के समक्ष उठाई।
निर्देश तक सीमित रही बैठक
इसी मुद्दे पर एसडीएम कृष्णा करुणेश एवं जिला गन्ना अधिकारी नमिता कश्यप ने मिल प्रबंधन के साथ बैठक की लेकिन एसडीएम ने दस नवंबर तक मिल चलाने के निर्देश देकर बैठक समाप्त कर दी।
नवंबर के अंत तक चल पाएगी मिल
वार्षिक मरम्मत का काम देरी से शुरू होने एवं श्रमिकों के आंदोलन के कारण मिल पेराई के लिए नवंबर माह के अंत तक तैयार हो सकेगी। इससे पहले पेराई सत्र शुरू होने की कोई उम्मीद नहीं है। इसकी पुष्टि मिल के जनसंपर्क अधिकारी कपिल आनंद भी करते हैं।
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पेराई सत्र जल्द शुरू कराने के लिए प्रबंधन पर दबाव बनाया जा रहा है। उम्मीद है कि नवंबर के तीसरे सप्ताह तक मिल में पेराई सत्र शुरू हो जाए।
नमिता कश्यप, जिला गन्ना अधिकारी
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'यह सही है कि मिल के पेराई सत्र में विलंब हो रहा है। लेकिन प्रयास है कि दस नवंबर अथवा इसके आसपास पेराई सत्र शुरू हो जाए। किसानों का भी पेराई सत्र जल्द शुरू करने के लिए दबाव है।'
कृष्णा करुणेश, एसडीएम मोदीनगर