मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए धन पर विभागों का ठेंगा
विवेक त्यागी, गाजियाबाद
सरकारी विभागों की आपसी खींचतान कहें या धन की तंगी। हकीकत यह है कि जीडीए के ड्रीम प्रोजेक्ट मेट्रो फेज-टू के लिए सरकारी विभाग अपने हिस्से का देने को राजी नहीं हैं। एमओयू में तय तारीख से दो महीने अधिक होने जा रहे हैं, मगर अभी तक डीएमआरसी को पहली किस्त का भुगतान नहीं किया जा सका है।
-गत 30 जून को देनी थी रकम दिलशाद गार्डन-नए बस अड्डे तक बनने वाले मेट्रो फेज-टू प्रोजेक्ट के लिए पहली किस्त के रूप में गत 30 जून को जीडीए को 545 करोड़ रुपये डीएमआरसी को देने थे, लेकिन जीडीए को नगर निगम, यूपीएसआइडीसी, आवास विकास परिषद ने अपने हिस्से का तय धन जीडीए को नहीं दिया है। यूपीएसआइडीसी ने ही सिर्फ 3.30 करोड़ रुपये जीडीए को दिए हैं।
आमंत्रित किए टेंडर
जीडीए अफसरों की माने तो डीएमआरसी ने गाजियाबाद के फेस-टू प्रोजेक्ट के लिए टेंडर आमंत्रित कर लिए हैं। 30 सितंबर टेंडर जमा करने की आखिरी तारीख निर्धारित की गई है। डीएमआरसी जीडीए से पैसा मिलने के बाद टेंडर अलॉट करेगा। 30 सितंबर तक हर हाल में जीडीए को डीएमआरसी को पहली किस्त के रूप में 545 करोड़ रुपये का भुगतान करना पडे़गा।
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-जीडीए ने भेजा रिमाइंडर
मेट्रो फेज-टू प्रोजेक्ट के लिए अपने-अपने हिस्से की रकम देने के लिए जीडीए ने नगर निगम, आवास विकास परिषद और यूपीएसआइडीसी को रिमाइंडर नोटिस भेजा है। जीडीए अफसरों के मुताबिक सभी विभागों ने किस्त के हिस्से की रकम जल्द देने का आश्वासन दिया है।
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-प्रोजेक्ट में नहीं आने देंगे अड़चन
जीडीए ओएसडी आरपी पांडेय ने बताया कि मेट्रो प्रोजेक्ट में अड़चन नहीं आने देंगे। सेकेंड फेस मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए जीडीए 25 करोड़ रुपये बतौर एडवांस डीएमआरसी को 17 जून को पहले ही दे चुका है। आगे डिमांड आने पर जीडीए अपने पास से पहली किस्त का पूरा पैसा दे देगा। लेकिन प्रोजेक्ट में को लेट नहीं होने देगा।
- ये है मेट्रो का प्रोजेक्ट :
. रूट की लंबाई : 9.41 किलोमीटर, ऐलिवेटिड
. प्रोजेक्ट की लागत : 1770 करोड़
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- 1770 करोड़ में कौन कितनी रकम देगा :
-भारत सरकार : 397.40 करोड़
-डीएमआरसी : 256 करोड़
-जीडीए : 525.10 करोड़
-नगर निगम : 185.90 करोड़
-आवास विकास परिषद : 332.40 करोड़
-यूपीएसआइडीसी : 73.20 करोड़
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-जीडीए समेत यूपी सरकार की अन्य संस्थाओं को 1116.60 करोड़ इस तरह देना होगा।
वर्ष : रकम
. 2014 : 545 करोड़
. 2015 : 393 करोड़
. 2016 : 178.60 करोड़
कुल योग : 1116.60 करोड़
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मेट्रो फेज-टू प्रोजेक्ट के लिए पैसा देने के लिए सभी सरकारी विभागों को रिमाइंडर भेजा गया है और सभी से सकारात्मक जवाब मिला है। पैसों की तंगी मेट्रो फेज-टू प्रोजेक्ट में बाधा नहीं बनेगी।
-आरपी पांडेय, जीडीए ओएसडी।