पुलिस ने दबाव में गंभीर धारा हटाई
संवाद सहयोगी, मोदीनगर : खिंदौड़ा प्रकरण को लेकर राजनीतिक एवं धार्मिक संगठनों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन के दबाव में आखिरकार पुलिस के रुख में नरमी आ गई और आरोपियों से धारा 153 (क) (दो संप्रदायों के बीच टकराव पैदा करना) को हटा दिया गया। इस संबंध में शासन को भी जानकारी दे दी गई है। इसकी पुष्टि सीओ मोदीनगर सोमवीर सिंह ने की है।
निवाड़ी थाना क्षेत्र के खिंदौड़ा गांव स्थित मंदिर में धार्मिक आयोजन किया गया था। इस दौरान पुलिस द्वारा वीडियोग्राफी किए जाने से हिंदू संगठनों एवं पुलिस के बीच टकराव हो गया था। थानाध्यक्ष ओम प्रकाश के साथ मारपीट की गई और उनकी पिस्टल गायब हो गई। इस मामले में 11 लोगों को नामजद सहित 150 के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस ने घटना वाले दिन ही तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि अन्य के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने को लेकर विभिन्न संगठन आंदोलन कर रहे हैं। साधु-संतों ने भी बृहस्पतिवार को जिला मुख्यालय पर इस मामले में प्रदर्शन किया था। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पुलिस के आला अधिकारियों से वार्ता की थी।
लगातार आंदोलन के चलते पुलिस प्रशासन ने इस घटना को लेकर आरोपियों पर लगाई गई दो संप्रदायों की भावना को भड़काने एवं टकराव होने के आसार को लेकर शासन के निर्देश पर लगाई गई धारा 153 (क) हटा ली है। जांच अधिकारी एवं सीओ मोदीनगर सोमवीर सिंह का कहना है कि जांच में यह बात सामने आई है कि धार्मिक आयोजन के दौरान दूसरे संप्रदाय के लोग भी मस्जिद में नमाज पढ़ रहे थे। दोनों के बीच कोई उन्माद पैदा नहीं हुआ था। इस संबंध में शासन को अवगत कराते हुए यह धारा हटाई है। रिवाल्वर गायब होने एवं एससी/एसटी एक्ट से जुड़ी धारा मामले में भी निष्पक्ष जांच होगी। दोषी लोगाें के खिलाफ ही ये धाराएं लगेंगी। जांच जारी है।