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अठन्नी से लगी हजार की चपत !

By Edited By: Published: Fri, 01 Aug 2014 07:10 PM (IST)Updated: Fri, 01 Aug 2014 07:10 PM (IST)

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बिजली की किल्लत के बीच डीजल के रेट में बढ़ोतरी से कारोबार जगत पर खासा असर पड़ा है। सभी उत्पादन यूनिट इससे प्रभावित हो रहे हैं। माल ढुलाई रेट में बढ़ोतरी से नुकसान हो रहा है। पचास पैसे प्रति लीटर के दर से डीजल की बढ़ोतरी के बाद ट्रांसपोर्टरों ने रेट बढ़ा दिए हैं। बताया जाता है कि तीन से सात फीसद तक की बढ़ोतरी से प्रति ट्रक माल सप्लाई में हजार रुपये की लागत बढ़ गई है।

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गाजियाबाद जिले में अधिकतर उत्पादन यूनिट है। लोहा हो या घरेलू सामान, फैब्रिक्स हो या इलेक्ट्रॉनिक पा‌र्ट्स। गाजियाबाद में पहले से ही बिजली कटौती के कारण आठ से दस घंटे तक जेनरेटर से काम होता है। इस कारण लागत में तो पहले ही उद्यमियों पर ज्यादा भार पड़ रहा था। अब डीजल के रेट भी बढ़ गए। इसका भी प्रभाव पड़ा है। गाजियाबाद में लोहे का कारोबार बड़ा है। यहां सरिया, वोल्ट, एंगल से लेकर अन्य सामान का निर्माण होता है। इन सभी के निर्माण के लिए बिजली की जरूरत है।

इसलिए गिर रहा मार्केट

शहर के कारोबारी अपने उत्पाद को बेचने के लिए दूसरे राज्यों के उद्यमियों के साथ प्रतिस्पद्र्धा करते हैं। बिजली व मूलभूत समस्या होने के कारण उद्यमियों की लागत अन्य राज्यों के उद्यमियों की तुलना में बढ़ जाती है। दूसरे राज्यों में वैट व अन्य टैक्स कम है। वहां बिजली की भी समस्या नहीं है। जबकि इन सभी समस्याओं से गाजियाबाद के उद्यमियों को गुजरते हुए उत्पादन करना होता है। इस कारण यहां का मार्केट लगातार गिर रहा है।

टेक्निकल यूनिट में भी परेशानी सॉफ्टवेयर से जुड़ी टेक्निकल कंपनियों पर भी डीजल के रेट बढ़ने का असर पड़ा है। इन टेक्निकल यूनिट में सैकड़ों की संख्या में कंप्यूटर होते हैं। बिजली की कमी के कारण पहले से यहां जेनरेटर पर काम हो रहा है। अब डीजल के रेट बढ़ने से यहां भी महंगाई का असर पड़ना आरंभ हो गया है।

'पहले से टैक्स व बिजली की कमी से उद्योग व्यापार का खस्ता हाल है। अब एक बार फिर डीजल के रेट बढ़ने के कारण व्यापार प्रभावित होगा। सरकार को सबसे पहले बिजली समस्या को दुरूस्त करना चाहिए और डीजल के बढ़े रेट को वापस लेना चाहिए।'

- शिवशंकर राठी, महासचिव, जिला व्यापार उद्योग मंडल, गाजियाबाद


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