बत्ती गुल होते ही ठप हो जाता है आरक्षण केन्द्र
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद :
नया गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर कहने को यहां आरक्षण केन्द्र है लेकिन यह आरक्षण केन्द्र लोगों की सहूलियत का कम, दिखावे का ज्यादा साबित हो रहा है। पावर बैकअप की सुविधा नहीं होने के कारण यहां आरक्षण करवाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नया गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के आरक्षण केन्द्र पर आरक्षण के लिए दो काउंटर बने हैं। पहले तो यह आरक्षण केन्द्र खुलता ही सिर्फ एक शिफ्ट के लिए है। उसमें भी अगर बत्ती गुल हो गई तो यहां कामकाज ठप्प हो जाता है। दरअसल यहां पावर बैकअप की सुविधा नहीं है। जिस कारण बिजली जाते ही सारे सिस्टम बंद हो जाते हैं। रेलवे प्रशासन की लापरवाही के चलते लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। यह समस्या काफी समय से बनी हुई है। कई बार शिकायत भी हुई लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है। रेलवे प्रशासन पूरे मामले में मौन रूप धारण किए हुए है।
---------------
- बैरंग लौटना पड़ता है आरक्षण करवाने वालों को :
नया गाजियाबाद रेलवे स्टेशन स्थित आरक्षण केन्द्र पर आलम ये है कि लोग आरक्षण करवाने के लिए लंबी लाइन में लगते हैं। किसी तरह काउंटर तक पहुंचते हैं और तभी लाइट चली जाती है। जिसके चलते लंबी लाइन में लगने के बावजूद लोगों को वहां से बैरंग लौटना पड़ता है।
----------------
- कामकाज ठप्प होना रोज की बात :
नया गाजियाबाद रेलवे स्टेशन आरक्षण केन्द्र पर कामकाज ठप्प रहना कोई एक दिन की बात नहीं है। पहली शिफ्ट यानि सुबह आठ से दो बजे के बीच बिजली जरूर जाती है। जिसके चलते यहां काफी समय कामकाज ठप्प ही रहता है।
------------
- क्या कहते हैं लोग :
नया गाजियाबाद रेलवे स्टेशन स्थित आरक्षण केन्द्र पर बुरा हाल है। बिजली कटौती होते ही आरक्षण केन्द्र पर पूरा सिस्टम ठप्प हो जाता है। जिसके चलते आरक्षण करवाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है। रेलवे प्रशासन को तत्काल यहां व्यवस्था दुरुस्त करानी चाहिए। ताकि रेल यात्रियों की परेशानी कम हो सके।
- देवेश त्यागी
----------------
मैं तीन बार नया गाजियाबाद रेलवे स्टेशन स्थित आरक्षण केन्द्र पर आरक्षण करवाने पहुंचा। तीनों बार बिजली गुल होने के चलते नया गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के आरक्षण केन्द्र पर कामकाज बंद मिला। जिसके चलते पुराना गाजियाबाद स्टेशन पर पहुंचकर आरक्षण करवाना पड़ा।
- त्रिज्य शर्मा
---------------
गाजियाबाद यूं तो रेलवे के मॉर्डन स्टेशनों की सूची में है, लेकिन यहां हालात इतने बुरे हैं कि गाजियाबाद को मॉर्डन स्टेशन कहे जाने पर भी शर्म महसूस होती है। आरक्षण केन्द्र पर इतना बुरा हाल है तो और व्यवस्था कैसी होंगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं। रेलवे प्रशासन को प्रमुखता से गाजियाबाद स्टेशन पर समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
- मनीष कुमार
----------------
गाजियाबाद में विद्युत कटौती का हाल किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में नया गाजियाबाद रेलवे स्टेशन स्थित आरक्षण केन्द्र पर पावर बैकअप की सुविधा न होने के चलते आरक्षण का कामकाज बंद हो जाता है। आमतौर पर ज्यादा वक्त यहां काम ठप्प ही रहता है। अब तो यह सिर्फ नाम का आरक्षण केन्द्र बनकर रह गया है।
- अनीता त्यागी
---------------
यात्रियों की परेशानी को दूर करने के लिए रेलवे प्रशासन को तत्काल नया गाजियाबाद स्थित आरक्षण केन्द्र पर व्यवस्था सही करानी चाहिए ताकि ये आरक्षण केन्द्र नाम का नहीं काम का आरक्षण केन्द्र साबित हो सके और शहरवासियों को इससे फायदा मिल सके। रेलवे प्रशासन को कुंभकरणी नींद तोड़कर यहां व्यवस्था दुरुस्त करानी चाहिए।
- शालू पंडित
---------------
दिल्ली से चंद किलोमीटर की दूरी पर है नया गाजियाबाद रेलवे स्टेशन। लेकिन यहां हालात ऐसे हैं कि मानो कोई दूर-दराज या गांव देहात का रेलवे स्टेशन हो। रेलवे प्रशासन को नया गाजियाबाद स्टेशन पर शीघ्र ही पावर बैकअप की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। जिससे आरक्षण करवाने वालों को बिजली कटौती होने पर बैरंग न लौटना पडे़। और वे परेशान होने से बच सकें।
-विजय चौधरी