दो साल से डेढ़ हजार बच्चे वजीफे से महरूम
-प्राइमरी के छात्र को तीन सौ व जूनियर के छात्र को 480 रुपये प्रति वर्ष वजीफे का प्रावधान
-अल्पसंख्यक अधिकारी ने कहा, जांच कराई जाएगी।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद :
अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को मिलने वाले वजीफे का पिछले दो साल से वितरण नहीं किया गया है। लालफीताशाही कहें या लापरवाही, खोड़ा कॉलोनी के करीब डेढ़ हजार बच्चे दो साल से सरकारी इमदाद से महरूम हैं।
सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों में प्राइमरी व जूनियर के बच्चों को सरकार की ओर से वजीफा दिया जाता है। प्राइमरी में प्रत्येक बच्चे को 300 व जूनियर में बच्चे को 480 रुपये सालाना वजीफा देने की व्यवस्था है। इसके लिए स्कूल की ओर से बच्चों का बैंक में खाता खुलवाया जाता है। यह राशि सीधे बच्चों के खाते में जाती है। लेकिन दो सत्रों की पढ़ाई समाप्त होने के बाद भी करीब डेढ़ हजार बच्चे वजीफे से वंचित हैं। गत वर्ष का पैसा जनवरी तक मिल जाना था। लेकिन शिक्षा विभाग व अल्पसंख्यक विभाग के लचर रवैये से सैकड़ों बच्चों तक वजीफा नहीं पहुंच पाया है। खोड़ा कॉलोनी में करीब सवा सौ मान्यता प्राप्त प्राइमरी व जूनियर स्कूल संचालित हो रहे हैं। इनमें से अधिकांश स्कूलों में 2012-13 व 2013-14 का अल्पसंख्यक बच्चों को मिलने वाला वजीफा अभी तक खाते में नहीं पहुंचा है।
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हमारे स्कूल में करीब दो दर्जन अल्पसंख्यक बच्चे हैं। इनका खाता स्कूल की ओर से खुलवाया गया। लेकिन वजीफा नहीं पहुंचा है। कई बार शिक्षा विभाग व अल्पसंख्यक विभाग से मांग की जा चुकी है। लेकिन अभी तक तो कुछ हुआ नहीं।
योगेश शर्मा, प्रबंधक, राजाजी पब्लिक स्कूल
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क्या कहते हैं अधिकारी :
डिमांड भेजी गई है। चूंकि अल्पसंख्यक बच्चों का वजीफा अल्पसंख्यक विभाग से भेजा जाता है। सही जानकारी वही दे पाएंगे। बच्चों के खाते खुलवाने के निर्देश पूर्व में स्कूलों को दिए जा चुके हैं।
-डॉ. प्रवेश यादव, बीएसए, गाजियाबाद
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-मैं अभी जिले में आया हूं। मामला संज्ञान में नहीं है। वजीफा अभी तक क्यों नहीं पहुंचा इसकी जांच कराई जाएगी।
-मोहम्मद कलीम, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी, गाजियाबाद