चूड़ियों के रंग से रंगी ¨जदगी
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: शिवानी गुप्ता। शहर की प्रमुख को¨चग में गणित व रीज¨नग की तैयारी करने वाली
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: शिवानी गुप्ता। शहर की प्रमुख को¨चग में गणित व रीज¨नग की तैयारी करने वाली शिवानी को देख कोई सोच नहीं सकता है वह किस तरह संघर्ष के बलबूते यहां पहुंची। बड़ा परिवार, चार बहनें। बचपन में पढ़ाई के साथ उसे चूड़ियों पर रंग भी करना पड़ा, नग लगाने पड़े, लेकिन शिवानी ने इसके साथ किताबों से नाता जोड़े रखा। दिन में चूड़ी का काम और रात में पढ़ाई करती। बड़ी हुई तो चूड़ी का काम छोड़ ट्यूशन के जरिए अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने लगी। नौकरी जरूरी थी, लेकिन पढ़ाई नहीं छोड़ी। रिसेप्शनिस्ट की जॉब पर गई शिवानी आज उसी संस्था में शिक्षिका बन चुकी है।
बेटियों को बोझ समझने वालों के लिए शिवानी व उनकी बहनें प्रेरणा हैं। पिता घनश्याम गुप्ता एक फैक्ट्री में मुनीम हैं। चार बहनें और एक छोटा भाई में वह तीसरे नंबर की है। माता-पिता ने कभी बेटियों की पढ़ाई से समझौता नहीं किया। बेटियों ने भी अपना फर्ज खूब निभाया। शिवानी बताती हैं कि बचपन में पढ़ाई के साथ घर में चूड़ी का काम करना पड़ा, लेकिन फिर भी उन्होंने इंटर में एमजी कॉलेज में सबसे ज्यादा अंक हासिल किए। यह जुदा बात है कि सहपाठी छात्राओं के पास पढ़ने का पूरा वक्त था तो शिवानी अपनी पढ़ाई के साथ कक्षा 11 से बच्चों को होम ट्यूशन भी पढ़ाने लगीं। ट्यूशन करते हुए बीएससी पास की। शिवानी की इंजीनिय¨रग के क्षेत्र में जाने की इच्छा थी, लेकिन परिवार के हालातों में यह संभव नहीं था।
बीएससी के बाद शिवानी को जॉब करनी पड़ी। झा क्लासेस में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी मिली, लेकिन पढ़ने का शौक था तो अपनी सीट पर रहते हुए ही पास की क्लास में शिक्षकों को पढ़ाते हुए देखती। बचपन से ही रात में पढ़ने का शौक था, लिहाजा घर जाकर किताबों का अध्ययन करती। जिन सवालों पर अटकती वो दूसरे दिन को¨चग में शिक्षकों से पूछ लेती। इसी दौरान एमएससी भी कर ली। डेढ़ वर्ष में उन्होंने कोर्स इस तरह पूरा कर लिया कि आज इसी को¨चग में गणित व रीज¨नग की शिक्षिक बन गई। बैंक में तीन बार प्री व एसएससी में प्री क्वालीफाई कर चुकी हैं।
बेटियों को पढ़ाती है शिवानी :
राम नगर क्षेत्र में रहने वाली शिवानी उन बेटियों के लिए सदैव संजीदा रहती हैं, जो किन्ही कारण से पढ़ नहीं पाती। चार वर्ष तक उन्होंने महिला प्रतिभा संवर्द्धन समिति का शिविर चलाकर निर्धन बेटियों को सिलाई-कढ़ाई की शिक्षा दी।
बड़ी बहन बनीं प्रेरणा :
शिवानी कहती हैं कि उनकी प्रेरणा बड़ी बहन रश्मि गुप्ता बनीं। बड़ी बहन ने जब पहली बार नौकरी के लिए घर से बाहर कदम रखा तो विरोध भी हुआ, लेकिन तब रश्मि ने परिजनों को समझाया।