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राजा का धर्म और ¨चतन प्रजा के हित के लिए हो : राघवाचार्य

शिकोहाबाद: श्री मानस सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीराम कथा का हवन व संत भंडारे के साथ विधिवत समापन हु

By Edited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 07:52 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 07:52 PM (IST)
राजा का धर्म और ¨चतन प्रजा के हित के लिए हो : राघवाचार्य

शिकोहाबाद: श्री मानस सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीराम कथा का हवन व संत भंडारे के साथ विधिवत समापन हुआ। अंतिम दिन की कथा में अवध से पधारे कथा व्यास ने भगवान राम के राज तिलक की कथा सुनाते हुए कथा पंडाल में बैठे भक्तों को भाव विभोर कर दिया।

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कथा के अंतिम दिन कथा व्यास जगदगुरु स्वामी राघवाचार्य ने कहा कि राजा का धर्म और ¨चतन प्रजा के हित के लिए होना चाहिए। राजा जब स्वार्थ और मोह की राजनीति करता है तो उसका पतन हो जाता है। अपने कर्मों का भोग तो सबको भोगना पड़ता है। फर्क इतना होता है कि अज्ञानी व्यक्ति दुख रो-रो कर भोगता है, जबकि भक्त व ज्ञानी लोग उसे प्रभु की इच्छा समझ कर चुपचाप सहन करते हैं। व्यक्ति को धर्म में आस्था होनी चाहिए, पाखंड में नहीं। धर्म में पाखंड नहीं होता, कुछ लालची और फरेबी लोगों का विश्वास कम हो रहा है। ये बहुत ही ¨चतनीय विषय है।

इस अवसर पर समिति के लोगों ने प्रभु श्रीराम की आरती उतारी और तिलक किया। समिति अध्यक्ष सतीश चंद्र गुप्ता ने सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त किया, जबकि रामशरण यादव, सतेंद्र गुप्ता, राकेश यादव, राज पचौरी, केशवदेव, तरुण फंडा, राजवीर ¨सह, किशन अग्रवाल, राजेश शर्मा, अश्वनी ठाकुर, रमेश चंद्र और रामसेवक गुप्ता आदि मौजूद रहे।


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