गर्ल्स कॉलेजों से भी दूर होता खेल
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: एक-दो वर्ष पहले तक क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं में शहर के प्रमुख गर्ल्स कॉल
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: एक-दो वर्ष पहले तक क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं में शहर के प्रमुख गर्ल्स कॉलेजों का दबदबा रहता था। एमजी बालिका इंटर कॉलेज व दाऊदयाल इंटर कॉलेज की छात्राएं हर खेल के लिए मैदान में खड़ी नजर आती थीं। दोनों ही कॉलेजों में बाकायदा खेलों का प्रशिक्षण होता था। अभ्यास के बाद बेहतर टीम चुनी जाती थी। लिहाजा टीम कॉलेज स्तर से क्षेत्रीय प्रतियोगिता और जिले व मंडल तक खेलती थीं।
इस बार ऐसा नहीं हुआ। कबड्डी प्रतियोगिता में हर बार एमजी व दाऊदयाल कॉलेज की खिलाड़ी छात्राएं मैदान में उतरती थीं, लेकिन इस बार दोनों कॉलेजों से एक भी खिलाड़ी नहीं पहुंची। दो साल से इन कॉलेजों में खेल शिक्षक ही नहीं है, जबकि छात्राओं से खेल शुल्क लिया जाता है। एमजी में करीब 30 रुपये है, फिर भी खेल का अभ्यास नहीं होता है। दाऊदयाल कॉलेज ने सिर्फ वॉलीबॉल व टेनिस में अपनी टीम भेजी तो एमजी कॉलेज ने एथलीट में। एथलीट के जरिए खेल में हाजिरी लगाकर जिविनि के दो खेल जरूरी होने के नियम का पालन भी हो गया, जबकि विभाग की मंशा है कि कॉलेजों में खेल कराए जाएं। एमजी कॉलेज में तो खेल का मैदान भी है। हालांकि अब यह मैदान कॉलेज के विकास की भेंट चढ़ गया है। मैदान के एक हिस्से में कक्षा कक्षों का निर्माण चल रहा है।
डिग्री कॉलेज की खेल शिक्षिका देती हैं प्रशिक्षण:
दाऊदयाल इंटर कॉलेज में खेल शिक्षिका के अभाव को देखते हुए कॉलेज प्रधानाचार्या ने डिग्री कॉलेज की खेल प्रशिक्षिका से ही कॉलेज की कुछ छात्राओं को प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था की। हालांकि इससे एक टीम तो तैयार हो सकती है, लेकिन कॉलेज की सभी छात्राओं को खेल से नहीं जोड़ा जा सकता।
प्रधानाचार्यो की बात
'कॉलेज में हाल में खेल शिक्षिका का चयन किया है। छात्राएं वॉलीबॉल व कबड्डी खेल रही हैं। एथलीट में हमारे कॉलेज की टीम गई थी। कॉलेज पर अपना खेल का मैदान है। हम प्रयास करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी तैयार कर सकें।'
-पूनम प्रकाश, प्रधानाचार्य,
एमजी बालिका इंटर कॉलेज
'विभाग ने दो खेलों में प्रतिभाग अनिवार्य बताया था। हमारे स्कूल की टीम ने दो खेलों में प्रतिभाग लिया है। कबड्डी में टीम नहीं जा सकी। अभी खेल शिक्षिका न होने से छात्राओं को डिग्री कॉलेज की खेल शिक्षिका से ही खेल का अभ्यास कराया जा रहा है।'
-अंजुमा रियाज, प्रधानाचार्य,
दाऊदयाल बालिका इंटर कॉलेज।