इमलिया में आज ताकत दिखाएंगे किसान
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : मुख्यमंत्री का फीरोजाबाद में छह मई को आगमन प्रस्तावित है, इधर भारतीय कि
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : मुख्यमंत्री का फीरोजाबाद में छह मई को आगमन प्रस्तावित है, इधर भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने नारखी के इमलिया में टेंट लगा दिए हैं। अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत भाकियू तीन मई मंगलवार से जनांदोलन शुरू करने जा रही है। इस आंदोलन के लिए कई जिलों से किसानों का यहां आना तय माना जा रहा है। आंदोलन से पहले ही भाकियू ने एलान कर दिया है यह जनांदोलन मुख्यमंत्री के धरना स्थल पर आने ही खत्म होगा।
भाकियू भानू के प्रदेश कार्यालय इमलिया उम्मरगढ़ में आंदोलन के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां चल रही हैं। बाहर से आने वाले किसानों के रुकने के लिए यहां पर टैंट लगाए जा रहे हैं तो उनके खाने का इंतजाम भी किया जा रहा है। माना जा रहा है भाकियू के एक बार धरना स्थल पर बैठने के बाद में आंदोलन बड़ा रूप लेगा। भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष ठा.भानु प्रताप ¨सह खुद गांव एवं जिलों में घूमकर किसानों को एकत्रित कर रहे हैं। वहीं सैकड़ों किसान प्रदेश कार्यालय पर धरना प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। दूर-दूर से आने वाले किसानों के लिए अलग-अलग टैंट लगाए जा रहे हैं।
यह हैं प्रमुख मांगे
* कृषि आयोग का गठन कर कृषि को उद्योग का दर्जा दें।
* 60 वर्ष के किसानों को पांच हजार रुपये प्रतिमाह वृद्धावस्था पेंशन दें।
* किसान एवं मजदूर का दस लाख का दुर्घटना बीमा सुनिश्चित हो।
* टीटी जेड को 24 तथा प्रदेश में 18 घंटे बिजली दी जाए।
* गांवों की सड़कों का डाबरीकरण कार मुख्य मार्ग से जोड़ा जाए। सड़क उखड़ने पर अफसरों पर कार्रवाई हो।
* यूपी को गुजरात एवं बिहार की तरह शराब मुक्त प्रदेश बनाएं।
जिलाधिकारियों को बुलाकर ही हटे हैं धरने से
भाकियू के आंदोलन पूर्व में भी खासे चर्चित रहे हैं। कई बार धरना एवं जाम की स्थिति में आला अफसरों को धरना स्थल पर पहुंचना पड़ा है। एटा एवं फीरोजाबाद की सीमा पर पड़ने वाले प्रदेश कार्यालय पर दोनो ही जिलों के किसान बड़ी संख्या में एकत्र होते हैं।
तीन फरवरी को सौंपा ज्ञापन
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठा.भानु प्रताप ¨सह ने कांता होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा तीन फरवरी को किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए ज्ञापन सौंपा गाय था। अधिकारियों को तीन माह का वक्त दिया था, लेकिन अभी तक मांग पूरी नहीं हुई हैं। लिहाजा तीन मई से भाकियू आरपार की लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रही है। उन्होने कहा देश के लिए अन्न उपजाने वाले किसान भूखे हैं। खाद की कालाबाजारी एवं महंगे होते संसाधन से किसान परेशान हैं।