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खड़े रह गए वोटर, नाबालिगों ने डाले वोट

जागरण संवाददाता,फीरोजाबाद : प्रधानी के चुनाव को लेकर उनमें भी उत्साह कम नहीं था। गांव के विकास की खा

By Edited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 07:52 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 07:52 PM (IST)

जागरण संवाददाता,फीरोजाबाद : प्रधानी के चुनाव को लेकर उनमें भी उत्साह कम नहीं था। गांव के विकास की खातिर वोट करना था। कई दिन से चौपालों पर प्रधानी की सियासत में खुलकर हिस्सा ले रहे थे, लेकिन जब शनिवार को प्रधान चुनने की बारी आई तो वो बूथ पर खड़े रह गए। पीठासीन अधिकारी की सूची में उनका नाम ही नहीं था। कइयों ने बहस भी की। जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत में वोट डालने का दावा किया तो अंगुलियों पर पुरानी मुहर के अवशेष भी दिखाए, लेकिन इसके बाद भी उन्हें मायूसी संग बूथ से वापस लौटना पड़ा।

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शनिवार को प्रधानी के चुनाव में कई बूथों पर ऐसा ही हुआ। ऐसा सिर्फ एक-दो वोटर के साथ में नहीं हुआ, बल्कि कई बूथ पर सूची में से दर्जनों नाम गायब थे। हुसैनपुर बैजुआ के प्राथमिक विद्यालय पर बने मतदान केंद्र पर मतदाता सूची में लगभग 30 से 40 वोट नहीं थे। सूची में क्रमांक भी ऊपर नीचे थे। इससे कई वोटर परेशान हुए। बूथ पर वोट डालने पहुंची गौरी, प्राची एवं किरन ने कहा अभी कुछ दिन पहले ही तो जिला पंचायत एवं क्षेत्र पंचायत के लिए वोट डाला था, लेकिन ग्राम प्रधान के लिए वोट ही नहीं डालने दिया जा रहा है। प्रधानी की सियासत में चली वोट काटने की साजिश कई जगह हंगामों का भी सबब बनी। कुछ जगह मतदाताओं के सूची में नाम न मिलने पर प्रधान समर्थकों ने हंगामा भी किया, लेकिन यह हंगामा बेअसर रहा।

नहीं कटे नाबालिगों के वोट :

जिला पंचायत एवं क्षेत्र पंचायत के चुनाव में बूथों पर नाबालिग वोटर्स के द्वारा वोट डालने की जानकारी पर फिर से बीएलओ दौड़ाए गए थे, लेकिन प्रशासन की मेहनत पर सियासी खिलाड़ियों ने पानी फेर दिया। नाबालिगों के वोट कटने के बजाए विरोधी खेमे के वोट प्रत्याशियों ने कम करा दिए। नाबालिग शनिवार को भी शान से हाथ में मतदाता पर्ची थाम कर वोट डालने के लिए बूथों पर जाते हुए नजर आए। गुरैया सोयलपुर में कक्षा नौ का छात्र मतदान करने के लिए बूथ पर पहुंचा तो अभिकर्ता ने उसके वोट डालने का विरोध किया, जिससे हंगामा हो गया। मौके पर पहुंचे एसओ मटसेना प्रदीप कुमार ने छात्र से पूछताछ की तो उसने बताया वह कक्षा नौ का छात्र है। शक्ल से ही मासूम दिख रहे इस बच्चे को चेतावनी देते हुए भगा दिया। वहीं बूथ पर कई किशोरियां भी लाइन में लगी हुई थी। कुछ किशोरों को हिरासत में लेकर थाने भेजा गया, जहां उनको दिन भर पुलिस की निगरानी में बैठाए रखा।

बीएलओ की मनमानी का असर

प्रधानी के चुनाव में भी बीएलओ की मनमानी नजर आ रही है। कई बूथों पर बीएलओ को लेकर शिकायतें मिली। कहीं गांव के कई वोटर्स के नाम गायब कर दिए गए तो कहीं पर प्रधान पद के प्रत्याशियों को लाभ पहुंचाने के लिए दूसरे गांव के ग्रामीणों के नाम सूची में जोड़ दिए गए। नाबालिग वोटर्स के दावे को मजबूत करने के लिए कुछ गांवों में तो इनके बैंक खाते भी खुलवा दिए हैं। बूथ पर इन नाबालिगों के चेहरों को देख कर उठने वाले सवालों का जवाब देने के लिए कई नाबालिग वोटर हाथ में पासबुक लिए हुए नजर आए। ताकि पीठासीन अधिकारी इन्हें रोक नहीं सकें।


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