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सूखने लगे हाल ही में रोपे पौधे

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने में पेड़-पौधों की अहम भूमिका होती है। हर

By Edited By: Published: Mon, 31 Aug 2015 11:41 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2015 11:41 PM (IST)
सूखने लगे हाल ही में रोपे पौधे

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने में पेड़-पौधों की अहम भूमिका होती है। हर साल बारिश के मौसम में लाखों पौधे रोपित किए जाते हैं, मगर बेपरवाही में ये जमींदोज हो जाते हैं। इस बार भी बड़ी संख्या में पौधे रोपे गए, मगर उचित व नियमित देखभाल के अभाव में ये दम तोड़ते जा रहे हैं। पौधरोपण के दौरान बड़े वादे करने वाले अधिकारी और क्षेत्रीय जनता भी बेपरवाह बनी हुई है।

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करीब 15 दिन पूर्व नगर निगम की ओर से टाटा केमिकल कंपनी के सहयोग से शहर में पौधरोपण कराया। लगभग एक हजार पौधे सुभाष तिराहे से गांधी पार्क तक डिवाइडर पर, भारत माता पार्क, विभव नगर पार्क समेत अन्य पार्कों में रोपे गए। नगर आयुक्त राम औतार रमन, अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार, समाजसेवी व क्षेत्रीय जनता ने खुद अपने हाथों से पौधे रोपे थे। क्षेत्रीय जनता ने भी पौधों की ¨सचाई से लेकर अन्य देखभाल का वादा किया था। नगर आयुक्त ने पौधों में नियमित पानी देने के लिए पानी के टैंकर की व्यवस्था कराई और इसकी जिम्मेदारी माली का कार्य देख रहे ठेकेदार को सौंपी है। कर्मचारी पानी तो लगा रहे हैं, मगर बीच-बीच में गायब हो जाते हैं। इस मौसम में अपेक्षाकृत बारिश नहीं हो रही। सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। नतीजतन पानी व दवा आदि के देखभाल में कई पौधे सूखते जा रहे हैं। देखभाल व रोजाना पानी देने का वादा करने वाले आसपास के लोग भी बेपरवाह बने हुए हैं। जागरण टीम ने सोमवार को रोपे गए पौधों की हकीकत देखी तो कई पौधे सूखे हुए थे। पत्तियां व डंडी सूख चुकी थीं। सुभाष तिराहा से गांधी पार्क डिवाइडर पर रोपे गए पौधों में करीब आधा दर्जन पौधे सूखे हुए मिले। इसी तरह विभव नगर पुलिस चौकी वाले पार्क में तकरीबन तीन दर्जन पौधे रोपे गए थे। इनमें से करीब आठ पौधे सूखे हुए मिले। यहां मौजूद नलकूप पर तैनात ऑपरेटर का कहना था कि पानी लगाने वाले कर्मचारी आते हैं, लेकिन बीच-बीच में कभी कभार गायब हो जाते हैं। क्षेत्रीय लोग देखने तक नहीं आते हैं। वह खुद इनकी देखभाल करता है।

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कीटनाशक दवा व खाद का भी हो छिड़काव

पौधरोपण कर ही जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता। नवजात बच्चों की तरह पौधों की भी देखभाल जरूरी है। समय पर उन्हें भोजन के रूप में खाद, बीमारियों से बचाव को कीटनाशक दवा का छिड़काव और पानी अत्यंत जरूरी है। इनके अभाव में पौधे मर जाएंगे।

यह कहते अधिकारी

- पौधों को जीवित रखने के लिए तीन पानी के टैंकरों की व्यवस्था की गई है। साथ ही आसपास के लोगों को भी जिम्मेदारी सौंपी है। पानी अगर नियमित नहीं दिया जा रहा है तो वह जानकारी करेंगे। साथ ही संबंधित कर्मचारियों को हिदायत दी जाएगी कि वे पानी नियमित दें। इस कार्य में कोई लापरवाही बरत रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

-प्रमोद कुमार,

अपर नगर आयुक्त।


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