मार्च क्लो¨जग: निकायों पर मेहरबान सरकार, करोड़ों जारी
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: मार्च क्लो¨जग के कारण सरकारी कार्यालयों में देर रात तक काम होता रहा।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: मार्च क्लो¨जग के कारण सरकारी कार्यालयों में देर रात तक काम होता रहा। नेट व्यवस्था फेल होने के कारण कर्मचारी खासे परेशान रहे। सरकार नगर निकायों पर खासी मेहरबान रहीं और करोड़ों रुपये जारी किए गए हैं। टूंडला पेयजल परियोजना के लिए जल निगम को दस करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, वहीं सभी नगर पंचायत, नगर पालिकाओं को भी करोड़ों रुपये जल निकासी व सड़क सुधार कार्यक्रम के तहत दिए गए हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री की घोषणा वाले काम के लिए भी धनराशि आवंटित की गई है।
बीते दिनों शासन द्वारा 31 मार्च को रात आठ बजे तक कोषागार खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन इसमें बदलाव कर दिया गया। मंगलवार को कार्यालय मध्य रात तक खोलने के आदेश जारी हुए हैं। इसी के तहत विभागीय अधिकारी और कर्मचारी देर रात तक कार्यालय में कामकाज करते दिखाई दिए। सोमवार रात दो बजे तक कार्य चला और फिर मंगलवार सुबह साढ़े नौ बजे शुरू हो गया। सभी अधिकारी कार्यालयों में कामकाज करते रहे। मंगलवार को दिन के समय एसबीआइ की नेट सेवा बाधित रही। कई बार तो यह साइट हैंग भी हो गई, जिससे कर्मचारियों को परेशानी हुई। मार्च माह के अंतिम दिन सरकार ने नगर निकायों को खूब पैसा लुटाया है। नगर निगम को जहां दस करोड़ रुपये पेयजल व सड़क सुधार के लिए दिए थे, वहीं मंगलवार को अवस्थापना निधि के तहत 35,12000 रुपये और जारी हुए हैं। इसके अलावा फरिहा नगर पंचायत को 35,163, जसराना को 28832, सिरसागंज को 1,65,700, टूंडला को 5,30,169 रुपये और शिकोहाबाद को 6,63,700 रुपये अवस्थापन निधि के तहत जारी किए गए हैं। इसके अलावा शिकोहाबाद नगर पालिका को पेयजल जल निकासी के लिए एक करोड़ दो लाख, सड़क सुधार को दो करोड़ 49 लाख रुपये जारी किए हैं। इसी तरह सिरसागंज नगर पालिका को पेयजल के लिए तीन करोड़ 87 लाख रुपये व सड़क सुधार के लिए 84,15000 रुपये मिले हैं। टूंडला नगर पालिका को जल निकासी के लिए करीब दो करोड़ 58 लाख रुपये व सड़क सुधार के लिए 2.80 करोड़ रुपये जारी हुए हैं। वहीं जल निगम अस्थाई निर्माण खंड को टूंडला पेयजल परियोजना के लिए 10 करोड़ रुपये जारी किए हैं। जल निगम ने करीब 25 करोड़ रुपये की पेयजल परियोजना बनाई थी, जिसे कुछ दिनों पूर्व शासन ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन धनराशि अवमुक्त नहीं की थी। इसी तरह डूडा विभाग को करीब आठ करोड़ रुपये मलिन बस्तियों के सुधार कार्यक्रम के तहत जारी हुए हैं।