मम्मी.. नई क्लास है नया बैग चाहिए
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : बुधवार से स्कूलों में नया सत्र शुरू हो रहा है। नए सत्र को लेकर स्कू
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : बुधवार से स्कूलों में नया सत्र शुरू हो रहा है। नए सत्र को लेकर स्कूलों में भी तैयारियां शुरू हो गई हैं तो मार्च के अंतिम दिन घरों पर भी मम्मी नए सत्र की तैयारी में उलझी नजर आई। बच्चों की यूनिफॉर्म सिलने से लेकर किताब कॉपी बैग में लगाने का काम मम्मी के जिम्मे था। इस बार बेसिक के स्कूलों में भी एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हो रहा है। ये जुदा बात है इन स्कूलों में अभी तक नए कोर्स की किताबें नहीं पहुंची हैं।
एक अप्रैल से सीबीएसई एवं अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में नया सत्र शुरू हो रहा है। नए सत्र को लेकर जहां स्कूलों में शिक्षकों ने रणनीति बनाई। वहीं घरों में भी तैयारी चलती रही। एक अप्रैल से बच्चे नई क्लास में होंगे, ऐसे में नई क्लास का बैग तैयार करने में घरों पर मम्मी को मदद करनी पड़ी। जिन अभिभावकों ने नया कोर्स खरीद लिया है, वह पहले दिन कौन-कौन सी किताब ले जाएं। इसका चयन भी मां को करना पड़ा। लेबर कॉलोनी निवासी शालिनी को कक्षा तीन में पढ़ने वाले बेटे आदित्य का बस्ता सैट करने में करीब आधे घंटे का वक्त लग गया। पहले दिन ज्यादा किताब न ले जाए। इसके लिए उन्होंने नई क्लास की चु¨नदा किताबों का चयन किया। वहीं कुछ बच्चे नई क्लास में नए बैग एवं लंच बॉक्स की मांग करते हुए नजर आए। इनकी मांग के चलते अभिभावकों को दुकान की दौड़ लगानी पड़ी।
बेसिक स्कूलों में बंटा रिजल्ट
बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में मंगलवार को परीक्षाफल का वितरण हुआ। परिषदीय स्कूलों में भी बुधवार से नया सत्र शुरू हो रहा है। नए सत्र को लेकर शिक्षकों में भी असमंजस की स्थिति नजर आई। छात्रों के लिए अभी तक नई किताबें नहीं आई हैं, ऐसे में शिक्षक पुरानी किताबों की व्यवस्था में जुटे हैं, ताकि बच्चों को क्लास में ही काम कराया जा सके। वहीं स्कूल के वक्त को लेकर भी अजीब स्थिति रही। विभाग द्वारा पूर्व में सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक के स्कूल का वक्त तय किया था, इधर सोशल मीडिया पर शिक्षक नेताओं के सात बजे से स्कूल खोलने के आह्वान शिक्षकों को परेशान किए रहे।
आज से शुरू होंगे सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल
बेसिक शिक्षा विभाग के सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल बुधवार से शुरू होंगे। स्कूलों में प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों के चयन पर विभाग सोमवार को ही अंतिम मुहर लगा चुका है। विभाग की मंशा है इन स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की तर्ज पर शिक्षा दी जा सके।