जर्जर हैं भवन, खुले में नौनिहाल
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: सर्द हवाओं में नौनिहाल खुले आसमान के नीचे पढ़ने को विवश हैं। परिषदीय स्
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: सर्द हवाओं में नौनिहाल खुले आसमान के नीचे पढ़ने को विवश हैं। परिषदीय स्कूलों मे“ बच्चों के लिए आसमान ही छत है। जिन भवनों में स्कूल चल रहे हैं, उनकी छतें गिरासू हाल में हैं। अंदर बैठें तो हादसे का खतरा और बाहर सर्दी सताती है।
गुरुवार को धूप निकलने से कुछ राहत रही, लेकिन अभी तक सर्दी असर कम नहीं हुआ है। खुले में पढ़ते “न बच्चों ने दिन कैसे निकाला वही जानते हैं। टूंडला में बुधवार को एक स्कूल की छत का प्लास्टर गिरने से हादसा होते-होते बचा है। इधर नगर क्षेत्र में भी कई स्कूलों में यही हाल है। यहां तो स्थिति यह है शीत लहर में “ी बच्चों को भवन के अंदर बैठाने का खतरा शिक्षक मोल नहीं उठाते। धूप आए तो “ी बच्चों को दीवालों से दूर बीच में बैठाया जाता है। कोहरे के बीच भी पिछले दिनों खुले में ही बैठ कर पढ़ाई की।
प्राथमिक स्कूल हुंडावाला मंदिर स्कूल में खुले में मेज-कुर्सी रखी हुई है तथा सामने ही जमीन पर आठ-दस छात्र-छात्राएं बैठे हुए हैं। इसके बगल में दीवालों में से ईंट उखड़ते हुए नजर आ रही है तो अंदर का कक्ष जर्जर हाल में पहुंच गया है। शिक्षक“ ने बच्चों को खुले में बैठाने का कारण बताया कि भवन जर्जर है। आज तो धूप में कुछ राहत है। बुधवार को तो ठंड“में बच्चों को ऐसे ही बैठना पड़ा था।
प्राथमिक स्कूल माता वाला बाग सर्दी हो या गर्मी। इस स्कू“ल के बच्चों के लिए छत है ही नहीं। धूप पाना हो या गर्मी में धूप से बचना हो आंगन में ही छायादार स्थान मिलता है। शिक्षिकाओं का यहां भी यही दर्द है कि जर्जर भवन में“अंदर बच्चों को कैसे बैठाएं।
यहां तो सर्दी में भी पेड़ के नीचे प्राथमिक स्कूल सुखमलपुर निजामाबाद। यच्चं पर बच्चे पेड़ के नीचे बैठ कर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस स्कूल में कक्ष हैं, लेकिन छात्र संख्या इतनी अधिक है कि कई क्लास बाहर पेड़ के नीचे ही खुले में लगती हैं।