बीहड़ और यमुना देगी जिले को पहचान
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : अनुपयोगी पड़ा बीहड़ और यमुना जैसी कीमती धरोहर जिले को नई पहचान दिला सकता
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : अनुपयोगी पड़ा बीहड़ और यमुना जैसी कीमती धरोहर जिले को नई पहचान दिला सकता है। जिले में बिजली उत्पादन की संभावनाएं बढ़ती देख केंद्र सरकार भी गंभीर हो गई है। जल्द ही एक केंद्रीय जांच दल जिले में सर्वे करने आ रहा है। इसके बाद ही योजना मूर्त रूप लेना शुरू कर देगी।
प्रदेश में एक अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट लगाए जाने की योजना है। जिससे चार हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। पावर प्रोजेक्ट के लिए अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए इसे फीरोजाबाद और एटा में स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद इस परियोजना को जिले में स्थापित कराने के लिए प्रयासरत हैं। पावर प्रोजेक्ट लगाने के लिए करीब तीन हजार एकड़ भूमि की जरूरत है। शर्त ये भी है कि इतना बड़ा भू भाग एकांत क्षेत्र में हो और पानी की पर्याप्त मात्रा मौजूद हो।
अच्छी बात ये है जिले में ऐसी जगह मिल गई है। सदर तहसील क्षेत्र में यमुना किनारे का इलाका चिन्हित कर लिया गया है। पांच नवंबर को थर्मल पावर कारपोरेशन के अधिकारियों ने इस जमीन का सर्वे किया था। सूत्रों के अनुसार उनकी रिपोर्ट से जिले में पावर प्रोजेक्ट लगाने की संभावनाओं को बल मिला है। जिलाधिकारी ने विजय किरन आनंद ने बताया कि अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट के संबंध में सर्वे करने के लिए केंद्रीय जांच दल दिसंबर के पहले सप्ताह में आ रहा है। डीएम ने बताया कि यदि पावर प्रोजेक्ट स्थापित होगा तो फीरोजाबाद प्रदेश में पहला ऐसा जिला होगा, जहां इस तरह का प्रोजेक्ट स्थापित होगा।
करोड़ों का है प्रोजेक्ट
मेगा पावर प्रोजेक्ट की लागत करोड़ों रुपए में है। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय जांच दल के सर्वे के बाद ही फैसला होगा कि पावर प्रोजेक्ट यहां लगाया जाए अथवा नहीं। हालांकि पावर प्रोजेक्ट की राह में आने वाली बड़ी बाधा को प्रशासन ने पहले ही दूर कर दिया है। पावर प्रोजेक्ट के लिए जो भूमि चिन्हित की गई है वह ताज ट्रिपेजियम क्षेत्र के बाहर है। जिससे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश भी रोड़ा नहीं बन सकेंगे। उल्लेखनीय है कि पावर प्लांट में कोयले का प्रयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है।