खो-खो: चार टीमें भी नहीं पहुंची क्षेत्रीय प्रतियोगिता में..
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : अब तो खेल बाकायदा पाठ्यक्रम में शामिल हो गया है। खेल के नंबर भी छात्रों को मिल रहे हैं, लेकिन फिर भी मैदान पर खिलाड़ी नहीं। सोमवार को तिलक इंटर कॉलेज में खो -खो की क्षेत्रीय प्रतियोगिता में नजारा चौंकाने वाला था। काफी इंतजार करने पर मैदान पर खेलने के लिए दो टीमें तो पहुंच गई, लेकिन कई स्कूलों ने अफसरों के आदेशों को हवा में उड़ा दिया। टीमों का प्रतियोगिता में न पहुंचना व्यायाम शिक्षकों की लापरवाही बयां कर रहा है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग की खो-खो खेल की क्षेत्रीय प्रतियोगिता का आयोजन तिलक इंटर कॉलेज में किया गया था। प्रतियोगिता सीनियर वर्ग में मेजबान तिलक इंटर कॉलेज की टीम के साथ में मात्र गोपीनाथ इंटर कॉलेज एवं गर्ग इंटर कॉलेज इटौरा की टीम खेलने के लिए यहां पहुंची। वहीं जूनियर वर्ग में तो सिर्फ पीडी जैन इंटर कॉलेज की टीम ही खेलने पहुंची। काफी देर इंतजार के बाद में आयोजकों ने इन टीमों के बीच में ही प्रतियोगिता कराई। वहीं मेजबान टीम पहले मैच में गर्ग इंटर कॉलेज से चार-14 से पराजित हो गई।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से कृष्ण अवतार शर्मा, प्रतियोगिता संयोजक केके भारद्वाज, पीडी जैन इंटर कॉलेज के खेल शिक्षक विनोद कुमार, इटौरा के खेल शिक्षक सर्वेश सोलंकी, तजापुर के नरेंद्र प्रताप सिंह, कैलाश यादव के साथ तिलक के सुनीत मिश्रा, पंकज भारद्वाज, विश्वास भारद्वाज आदि उपस्थित थे।
गोपीनाथ की टीम का वॉक आउट
गोपीनाथ एवं गर्ग इंटर कॉलेज की टीम के बीच खेले मैच में गोपीनाथ के छात्रों का बेहतर प्रदर्शन न होने पर गोपीनाथ की टीम ने वॉक आउट कर दिया। ऐसे में गर्ग की टीम पहले स्थान पर तथा तिलक इंटर कॉलेज की टीम दूसरे स्थान पर रही।
--अफसर कहिन--
''खेल के प्रति स्कूलों का रवैया सकारात्मक होना चाहिए। हम जनपद की क्रीड़़ा समिति को निर्देश जारी करेंगे। वहीं रिपोर्ट तलब कर टीम को न भेजने वाले स्कूलों को नोटिस जारी करेंगे। लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी। अभी कुछ दिन पहले भी कुछ स्कूलों को हमने नोटिस जारी किए हैं।''
-विधि नरायन
जिला विद्यालय निरीक्षक
फीरोजाबाद
व्यायाम शिक्षक आए विभाग के निशाने पर
जिला विद्यालय निरीक्षक के निशाने पर अब स्कूलों के व्यायाम शिक्षक आ गए हैं। स्कूल प्रधानाचार्य के साथ में इनको भी नोटिस जारी किए जा रहे हैं। कुछ को पहले ही नोटिस जारी किए जा चुके हैं। खेल के नाम पर वेतन लेने वाले इन शिक्षकों के द्वारा खेल प्रतियोगिताओं में टीम न भेजने पर विभाग इनका वेतन रोकने का मन भी बना रहा है।