विभागों की गति तय करेगी मनरेगा की चाल
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : जिले में मनरेगा की चाल अब जिले के विभिन्न विभागीय अधिकारियों के हवाले है। शासन ने स्पष्ट रूप से निर्देश दे दिए हैं कि जब तक जिले में मौजूद मनरेगा की धनराशि पूरी वापस नहीं मिल जाएगी। तब तक नए कार्यो के लिए बजट आवंटित नहीं किया जाएगा।
लगभग एक महीना हो गया, जिले में मनरेगा के कार्य सुस्त चाल से चल रहे हैं। कहीं कहीं तो काम पूरी तरह बंद हो गया है। वजह धनराशि उपलब्ध न होना है। काफी समय से शासन ने जिले को धनराशि आवंटित नहीं की है। खंड विकास अधिकारियों द्वारा भेजे गए सैंकड़ों फंड ट्रांसफर ऑर्डर पेंडिंग पड़े हैं। जिससे जॉबकार्ड धारकों को मजदूरी का भुगतान तक नहीं हो पा रहा है। शासन ने अब स्पष्ट रूप से कह दिया है कि जब तक जिले की क्षेत्र व ग्राम पंचायतों एवं लाइन डिपार्टमेंट के खातों में पड़ी धनराशि वापस नहीं होगी, तब तक बजट जारी नहीं किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जिले में पिछले वित्तीय वर्ष में मनरेगा योजना में भेजी गई धनराशि के करीब 58 लाख रुपए पड़े हुए हैं। इसे वापस करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी पहले ही संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर चुके हैं। पीडी डीआरडीए सर्वेश चंद्र यादव ने बताया कि शासन स्तर से प्रदेश के विभिन्न जिलों में मनरेगा के साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए फंसे होने की बात कही जा रही है। यदि ये धनराशि वापस पहुंच जाए तो इसी में से डिमांड करने वाले जिलों को नए सिरे से आवंटित करने की बात कही गई है। इसलिए शेष धनराशि जल्द से जल्द वापस करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मनरेगा में संशोधन
भारत सरकार ने मनरेगा योजना में संशोधन कर दिया है। सरकार के संयुक्त सचिव आर सुब्रमण्यम ने एक पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि अब मनरेगा से 60 फीसद कार्य कृषि आधारित होंगे। जबकि 40 फीसद बजट से नाली, खडं़जा आदि कार्य होंगे। इस नियम का पालन लाइन डिपार्टमेंटों को भी करना होगा।
अब मनरेगा से ईटें भी बनेंगी
मनरेगा मजदूर अब ईट भट्टा भी चलाएंगे। इस योजना पर प्रयोग के लिए जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने खंड विकास अधिकारी जसराना, शिकोहाबाद और मदनपुर को पत्र लिखकर जगह चिन्हित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन किसी भी ब्लॉक ने सूचना उपलब्ध नहीं कराई। पीडी डीआरडीए सर्वेश चंद ने बताया कि तीनों बीडीओ को फिर से रिमाइंडर भेजा गया है।