डायरिया से बालक की मौत, दूसरा गंभीर
फीरोजाबाद, (टूंडला): तहसील क्षेत्र में डायरिया ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। डायरिया की चपेट में आकर जहां एक बालक की मौत हो गई, वहीं उसका भाई अभी भी इस बीमारी से पीड़ित है।
नगला सिंघी क्षेत्र के गांव गदलपुरा निवासी भूदेव के दो पुत्र विकास उर्फ बौनी (10) व उसका बड़ा भाई तालेवर (12) को शनिवार दोपहर में पेट दर्द के साथ उल्टी दस्त शुरू हो गए। परिजन उसे उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए, लेकिन वहां ताला बंद मिला। मजबूरन पीड़ित को गांव के ही एक चिकित्सक से दवा दिलाई, लेकिन रात में अचानक विकास की तबीयत बिगड़ गई। परिजन उसे उपचार को टूंडला ला रहे थे कि रास्ते में उसकी मौत हो गई। परिजनों ने शव का रात ही अंतिम संस्कार कर दिया। मृतक के भाई तालेवर का चिकित्सक के यहां उपचार किया जा रहा है। डायरिया से बच्चे की मौत होने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है।
डायरिया होने पर लापरवाही न बरतें
टूंडला: चिकित्सक डॉ. संजय वर्मा ने अभिभावकों को सुझाव देते हुए कहा है कि बच्चों में डायरिया होने पर किसी भी प्रकार की कोताही न बरतें। डायरिया जानलेवा हो सकता है। पेट में तेज दर्द व तेज बुखार आने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। बरसात के मौसम में डायरिया की शिकायत बहुत अधिक आ रही हैं। इससे बचने के लिए सावधानी अपनानी होगी। उन्होंने बताया सोमवार सुबह गांव में टीम भेजकर दवाएं दिलाई जाएंगी। वहीं पीएचसी पर चिकित्सक न मिलने की भी जांच कराएंगे।
सड़े गले फल व दूषित भोजन से बचाएं
टूंडला: चिकित्सक कहते हैं कि बरसात के मौसम में डायरिया से बचने का सबसे उत्तम मार्ग है कि घर में सड़े गले व अधिक समय तक कटे हुए फलों का सेवन न करें। दूषित भोजन को कतई ग्रहण न करें। ऐसा करके डायरिया को मात दी जा सकती है। दूषित भोजन खाने से ही डायरिया फैलने की आशंका अधिक रहती है।
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