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संशोधित) पूर्व मंत्री के गृह जनपद में विजिलेंस टीम ने खंगाले दस्तावेज

By Edited By: Published: Sun, 18 Nov 2012 07:00 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2012 07:18 PM (IST)
संशोधित) पूर्व मंत्री के गृह जनपद में विजिलेंस टीम ने खंगाले दस्तावेज

फतेहपुर, जागरण संवाददाता: बसपा शासनकाल में खेलकूद मंत्री रहे अयोध्या प्रसाद पाल के गृह जनपद में विजिलेंस टीम उनकी अकूत संपत्ति के दस्तावेजों को दूसरे दिन भी खंगालती रही। रविवार को छुट्टी के दिन भी सदर तहसील का दफ्तर खोला गया और तहसीलदार ने टीम को मांगे गए दस्तावेज दिखाये, लेकिन टीम को अभी पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाए हैं, इससे टीम डेरा डाले हुए है।

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लोकायुक्त ने पूर्वमंत्री श्रीपाल को आय से अधिक संस्तुति जुटाने के मामले में प्रदेश सरकार को जांच कराए जाने की संस्तुति विगत माह की थी। जांच करने आई पांच सदस्यीय विजिलेंस टीम ने पूर्व मंत्री की संपत्ति संबंधी दस्तावेजों को खंगाला। सूत्रों के मुताबिक टीम के अधिकारी रविवार सुबह जिलाधिकारी कंचन वर्मा से उनके आवास में मिले। इसके बाद सदर तहसीलदार राम शिरोमणि से तहसील में उनके दफ्तर में मिले। दफ्तर खुलवाकर तहसीलदार ने टीम को पूर्वमंत्री की संपत्ति संबंधी मांगे गए दस्तावेज दिखाए। टीम सदर तहसील में 3 घंटे तक दस्तावेज खंगालती रही।

टीम ने बिंदकी कोतवाली के बरदरा गांव में पूर्वमंत्री श्री पाल के छोटे भाई राजकुमार पाल के नाम दान के तौर दी गई 101 बीघे जमीन के दस्तावेजों की भी छानबीन की। पूर्वमंत्री के पैतृक गांव जखनी में दो वर्ष पहले खरीदी गई 14 बीघे जमीन के दस्तावेज देखे। पूर्वमंत्री द्वारा शहर के पत्थरकटा चौराहे के समीप डा. विश्वस्वरूप वर्मा से खरीदे गए 4 बीघे आवासीय जमीन के दस्तावेजों की छानबीन की। टीम को मकान के बैनामे में स्टांप चोरी करने के सबूत हाथ लग गए हैं। सूत्रों के अुनसार पूर्वमंत्री ने पत्थरकटा चौराहे की जमीन को कामर्शियल के बजाय आवासीय दिखाकर बैनामा कराया है। इस जमीन का दो खंडों में बैनामा किया गया है। इसका बैनामा पूर्व मंत्री श्रीपाल की पत्‍‌नी शिवकली, पुत्र ओमदत्त पाल, संजय पाल एवं अजय पाल के नाम है।

तहसील छानबीन करने के बाद विजिलेंस की टीम खागा कोतवाली के सुजरही गांव गई। वहां 10.50 बीघे जमीन पर पूर्व मंत्री के मौसेरे भाई संतोषपाल के नाम जमीन मालिक इंद्रपाल की पहली पत्‍‌नी से इकरारनामा 6 लाख में कराया गया है, जिसमें एक लाख रुपए उसे अदा किए गए हैं। शेष राशि जमीन बेचने के बाद देने का वादा किया गया, लेकिन टीम से जमीन मालिक इंद्रपाल ने पूर्वमंत्री को इकरार नामा किए जाने संबंधी जानकारी से इंकार किया है। टीम ने जमीन मालिक का बयान भी दर्ज किया है।

इसके अलावा टीम ने एआरटीओ प्रशासन से पूर्वमंत्री के 8 चार पहिया गाड़ी के दस्तावेज मांगे हैं। साथ ही टीम ने पूर्वमंत्री के असलहों के दस्तावेजों का निरीक्षण आयुध कार्यालय में किया है।

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