हफ्ते भर पूर्व धमकी देकर गया था हत्यारोपी
संवाद सहयोगी, अमौली/¨बदकी : जद्दूपुर गांव में हत्यारोपी राधेलाल एक हफ्ते पूर्व गांव आया था और मृतक क
संवाद सहयोगी, अमौली/¨बदकी : जद्दूपुर गांव में हत्यारोपी राधेलाल एक हफ्ते पूर्व गांव आया था और मृतक को धमकी दे गया था कि यदि जमीनी विवाद का मुकदमा वापस नहीं लोगे तो जान से हाथ धोना पड़ेगा लेकिन परिजनों ने सोचा तक नहीं था कि जमीनी विवाद में भाई-भाई के रिश्ते कलंकित कर वह इतना गिर जाएगा कि अपने भाई का ही कत्ल कर देगा।
जद्दूपुर गांव में हरने वाले बाबूलाल, मोतीलाल, राधेलाल, विजय व राज बहादुर सभी सरजू प्रसाद के बेटे हैं। इसमें चौथे नम्बर के भाई विजय व पाचवें नम्बर के भाई छोटे राज बहादुर की मौत हो चुकी है। पिता के नाम पैत्रिक 8 बीघे जमीन थी। सभी भाईयों ने मिलकर करीब 6 बीघे और जमीन खरीदी। यह जमीन मां के नाम सभी की सहमति से करा दी गई। पिता की मौत के बाद पैत्रिक जमीन सभी भाइयों के साथ मां बिट्टी देवी के नाम भी आ गई। इसमें सभी का हिस्सा करीब डेढ़-डेढ़ बीघे आया। मां के नाम की जमीन पर तीसरे नम्बर के भाई राधेलाल की नियत खराब हुई। उसने बहला कर मां से जमीन का बैनामा करा लिया और उसके बाद मां, पत्?नी व बच्चों के साथ वह अपने मकान में ताला बंद कर गांव छोड़ चला गया था।
बताते हैं कि पुखरायां में किसी नलकूप में हत्यारोपी राधेलाल रहता था और आंधी में एक पेड़ गिर जाने पर पर राधेलाल गांव आया था। गांव आकर उसने मृतक को मुकदमा वापस लेने की धमकी दी थी।
इनसेट -
. तो पुलिस की लापरवाही में गई जान
- जाफरगंज थाने के जद्दूपुर गांव में बाबूलाल पटेल की हत्या में देवरी चौकी पुलिस की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है क्योंकि मृतक के बेटे अमित ने बताया कि उसने घटना के बाबत कई मर्तबा मोबाइल में फोन कर फोर्स बुलानी चाही लेकिन चौकी इंचार्ज का फोन ही नहीं रिसीव हुआ। यदि पुलिस समय से आ जाती तो समय से अस्पताल पहुंचने से शायद उसके पिता की जान बच जाती। हालांकि एसओ अर¨वद कुमार गौतम का कहना था कि चौकी इंचार्ज की भूमिका संदिग्ध होने का आरोप निराधार है।
पत्नी व बच्चे रो-रोकर बेहाल
बाबूलाल की मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। पत्नी कृष्णा देवी, दो पुत्र अमित व ललित के अलावा दो पुत्रियां शशिकला उर्फ रानी व सारिका हैं। इसमें शशिकला की शादी हो चुकी है। बड़ा बेटा अमित हमीरपुर में एंबुलेंस चालक है। छोटा ललित बाहर प्राइवेट नौकरी करता है। बाबूलाल के ऊपर छोटे भाई राजबहादुर की मौत के उसके परिवार की जिम्मेदारी थी।