धूप ने किया बेहाल, पेयजल संकट बढ़ा
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: शनिवार को पारे ने थोड़ी मोहलत जरूर दी, लेकिन सूरज की किरणें आग बरसाती नजर आ
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: शनिवार को पारे ने थोड़ी मोहलत जरूर दी, लेकिन सूरज की किरणें आग बरसाती नजर आईं। सुबह नौ बजे के बाद ही चिलचिलाती धूप ने सभी को बेहाल करके रख दिया। शनिवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, वहीं न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहा। गर्मी की वजह से इंसान ही नहीं पशु-पक्षी भी बेहाल हो उठे। स्कूलों में गर्मी का असर देखने को मिल रहा है। विशेषकर परिषदीय प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में छात्र संख्या तो नगण्य ही रहती है। भीषण गर्मी में पेयजल संकट भी गहराने लगा है। गंगा व यमुना के तटवर्ती इलाकों में मवेशियों के लिए पानी का प्रबंध करना बड़ी चुनौती के रूप में है। ऐसे में पशुपालक व किसान मवेशियों को नदियों में ले जाकर पानी पिलाते हैं।
अप्रैल माह के अंतिम पखवारे में गर्मी प्रचंड रूप धारण करती जा रही है। बदन को झुलसाने वाली धूप में लोग घरों से बाहर निकलने में घबराते हैं। स्थिति यह है कि बहुत जरूरी होने पर ही लोग घरों से बाहर निकलते हैं। ग्रामीणांचलों के परिषदीय प्राथमिक व जूनियर स्कूलों के मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में भी गर्मी का असर देखने को मिल रहा है। गर्मी की वजह से छात्र संख्या निरंतर घटती जा रही है। ज्यादातर परिषदीय स्कूलों में विद्युतीकरण न होने से बच्चे पसीना बहाते रहते हैं। भीषण तपिश में मुसाफिरों का बुरा हाल देखने को मिल रहा है। विशेषकर छोटे बच्चे तो भीषण तपिश में बिलबिला उठते हैं।
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पालिका ने नहीं लगवाए प्याऊ
- बदन को झुलसाने वाली धूप में गला तर करने का प्रबंध अब तक पालिका प्रशासन ने नहीं किया है। शहर के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर प्याऊ की व्यवस्था न होने से राहगीर व मुसाफिरों को पानी के लिए भटकना पड़ता है, या फिर पानी बोतल खरीदकर गला तर करना पड़ता है। स्थानीय नागरिकों ने पालिकाध्यक्ष व ईओ से शहर के प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था करवाने की मांग की है।