फाइलों तक सीमित शौचालय का सपना
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर शौचालय हो का सपना फाइलों में कैद होकर रह गया ह
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर शौचालय हो का सपना फाइलों में कैद होकर रह गया है यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी। मकान मालिक द्वारा खुद के घर में शौचालय बनाने के 5000 आवेदन पालिका की वेबसाइट में डाले जा चुके हैं। इनमें से एक भी का काम पूरा नहीं हो पाया है। यही वजह है कि पालिका प्रशासन शासन से भेजे गए धन को लाभार्थी को नहीं दे पाई है। कच्छप गति से चल रहे इस अभियान में तेजी न आई तो केंद्र सरकार और राज्य सरकार का सपना धरा का धरा रह जाएगा। केंद्र सरकार के अभियान से तीन तरह के शौचालय बनने हैं। इसमें निजी शौचालय, सामूहिक शौचालय और सार्वजनिक शौचालय शामिल हैं। जंगल में शौच जाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने नि:शुल्क शौचालयों की सौगात भले ही दे रखी है, लेकिन पालिका प्रशासन की सुस्ती इस योजना पर भारी पड़ रही है। सदर पालिका की तीन लाख की आबादी में शौचालय विहीन मकान मालिका ने नि:शुल्क शौचालय निर्माण के लिए 5000 आवेदन कर रखे हैं। इन ऑनलाइन आवेदनों ने अभी तक आधे आवेदनों का भौतिक सत्यापन नहीं हो पाया है। इस बात की गवाही इंटरनेट दे रहा है। हाईटेक व्यवस्था में यह भी उल्लेख देखने को मिल रहा है कि निर्माण कार्य के लिए आए धन में फूटी कौड़ी लाभार्थी के खाते में नहीं भेजी गई है। पालिका के अवर अभियंता राजेंद्र वर्मा ने बताया कि 22 चिन्हित बस्तियों में सामूहिक शौचालय बनाए जाने हैं। इसी तरह सार्वजनिक शौचालय बनाने के लिए प्रमुख चौराहों का चयन किया जा चुका है। इनके बनवाने के लिए संस्था को नामित करने की गाइड लाइन शासन से मांगी गई है।
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यह है योजना
- शासन ने अभी तक तीन तरह के योजनाओं में बनाए जाने वाले शौचालय में खुद के शौचालय में 8 हजार रुपए लाभार्थी को दिए जाने हैं। जैसे-जैसे निर्माण कार्य पूरा होगा उसका भुगतान लाभार्थी के खाते में होगा। सामूहिक शौचालय में स्थानीय बस्ती के लोग चिन्हित किए जाएंगे। जो उनका उपयोग करने के साथ रखरखाव आदि की जिम्मेदारी निभाएगा। सार्वजनिक शौचालय के मामले में दाम देकर सुविधा का लाभ मिलेगा। यह ट्रिपल पीपीपी माडल से संचालित किए जाएंगे।
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निजी संस्था द्वारा शहर में चल रहे तीन शौचालय
- शौचालय की सुविधा देने के लिए सरकारी तंत्र द्वारा भले ही कदम नहीं बढ़ाए गए हैं, लेकिन निजी संस्था बलराम सेप्टिक लैट्रिन प्लांट के द्वारा शहर में तीन जगहों पर शौचालय चलाए जा रहे हैं। इनमें कचहरी के पास गणेश शंकर विद्यार्थी चौराहा, रोडवेज बस स्टाप, रेलवे स्टेशन में यूज एंड पे के जरिए इनका संचालन हो रहा है। गनीमत है कि निजी संस्था ने आम जनमानस को यह सुविधा दे रखी है। कम से कम दाम अदा करने के बाद शौचक्रिया की सुविधा का लाभ मिल रहा है।
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क्या बोले जिम्मेदार
- पालिका क्षेत्र में तीन तरह के बनने वाले शौचालयों को लेकर प्रशासनिक शिथिलता कतई नहीं है। एक साल पहले आई योजना को धरातल पर दिखाने के लिए ऑनलाइन आवेदन की तत्काल तस्दीक कराई जाती है। खाते से एक रुपया अभी तक इसलिए नहीं भेजा गया है कि लाभार्थी को काम शुरू करवाकर निर्माण की फोटो ऑनलाइन भेजनी होगी। तब उसके खाते में धन भेजा जाएगा। वहीं सार्वजनिक और सामूहिक शौचालयों का चिन्हींकरण हो चुका है। सार्वजनिक शौचालयों के बनाने के लिए शासन से कार्यदाई संस्था नामित करने का पत्र भेजा गया है।
रश्मि भारती, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका