प्राचार्य तलब, सूची की जांच करेगी समिति
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : डायट और निजी कॉलेजों में बीटीसी प्रवेश प्रक्रिया के जिन्न को शांत करने के
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : डायट और निजी कॉलेजों में बीटीसी प्रवेश प्रक्रिया के जिन्न को शांत करने के लिए डीएम ने हस्तक्षेप किया है। डीएम ने मामले में डीआईओएस को निर्देशित किया कि वह इस काम में सहयोग करके अपात्रता के आरोपों की जांच करें। पात्र अगर सूची से बाहर है तो फिर उसे शामिल करते हुए सूची बनाए और उनके सामने पेश करें। उधर सचिव परीक्षा नियामक से बात कर डीएम ने कहा कि नियमों से हटकर जो किया गया है, उस पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए। शासन के आदेश पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की 200 और निजी कॉलेजों में 800 बीटीसी प्रशिक्षण के लिए प्रवेश प्रक्रिया आयोजित की गई थी। 18 सितंबर को फाइनल सूची जारी हुई तो आवेदकों के होश उड़ गए। डायट ने वह करिश्मा कर दिखाया जिसकी उम्मीद तक नहीं थी। अनंतिम सूची में जो मेरिट थी फाइनल सूची उससे ज्यादा अंकों पर जा टिकी। आवेदकों ने आरोप लगाते हुए डायट प्रशासन की प्रक्रिया को संदिग्ध करार दिया। कैंपस से लेकर कलेक्ट्रेट तक जमकर हंगामा किया। मामले को संजीदा देखते हुए डायट कैंपस को कई दिनों तक छावनी में तब्दील करना पड़ा। मामले की नजाकत को भांपते हुए डीएम डॉ. वेदपति मिश्रा ने एसडीएम सिटी को जांच सौपी। जिस पर बीते दिनों उन्होंने सारी पत्रावली कब्जे में ले ली। बुधवार को डीएम ने मामले में पैनी नजर रखते हुए तेज तर्रार डीआईओएस को सूची की तस्दीक करने के लिए लगाया। डीआईओएस को आदेश दिया कि किसी भी युवा का हक मारा नहीं जाना चाहिए। अंकों के मेरिट के आधार पर वह पात्र है तो उसे प्रवेश सूची में शामिल कर लिया जाए।
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डाटा में दर्ज मेरिट में खेल तो नहीं !
- डाटा फी¨डग के नाम पर डायट प्रशासन ने खेल कर दिया है। आवेदनकर्ता शिव कुमार, जगदीश मौर्य, शिवांगी, रागिनी आदि तमाम का कहना रहा कि प्रशासन को जमा मूल अभिलेखों से मेरिट का डाटा मिलान करना होगा। कारण कि शैक्षिक प्रमाण पत्रों को खंगाले बिना डायट प्रशासन की करतूत सामने नहीं आएगी। कम मेरिट वालों को डाटा फी¨डग में ज्यादा दिखाया गया है।