बेघर 23 परिवारों का खुले आसमान में डेरा
¨बदकी, संवाद सहयोगी : दूधी कगार गांव में आग से तबाह हुए 23 परिवारों को खुले आसमान के नीचे रात बितानी
¨बदकी, संवाद सहयोगी : दूधी कगार गांव में आग से तबाह हुए 23 परिवारों को खुले आसमान के नीचे रात बितानी पड़ रही है। कई परिवारों ने तो पड़ोसियों के घरों पर शरण ले रखी है। आग से तबाह हुए घरों को देख लोग माथा पकड़ रहे हैं। शुक्रवार को दूधी कगार गांव में आग लगने से 23 परिवारों की गृहस्थी पूरी तरह से जलकर खाक हो गई थी। सुबह हुई तो पीड़ित लोग आग से लाल हो चुकी घरों की दीवारों को निहारते नजर आए। सूरजदीन ने कहा वैसे भी खेतों में पैदावार नहीं हुई है। घर में साल भर के खाने के लिए अनाज था, वह भी जल गया। आशा देवी खंडहर घर में पहुंची और माथा पकड़ कर बैठ गई। बोली सब बर्बाद हो गया। खाने को नहीं बचा है। बच्चों को कपड़े व पढ़ाई के लिए कैसे इंतजाम होगा। पूर्व सांसद राकेश सचान व पूर्व मंत्री अमरजीत ¨सह 'जनसेवक' गांव पहुंचे। पीड़ित परिवारों से मिले। गांव में पीड़ित परिवारों को सरकारी आर्थिक मदद का वितरण कराया। ......... 23 परिवारों को मिली आर्थिक मदद तहसीलदार लाल ¨सह यादव ने बताया कि सभी 23 पीड़ित परिवारों को अहैतुक सहायता व गृह अनुदान मिलाकर 2 लाख 19 हजार 9 सौ रुपए की धनराशि का वितरण किया गया है। इसके अलावा खाद्यान्न भी वितरित किया गया है।