मदद की आस में भटक रहे किसान
¨बदकी, संवाद सहयोगी : सरकार से अतिवृष्टि और ओलावृष्टि पर मुआवजे की राशि पाने की ललक पाले किसान दिन
¨बदकी, संवाद सहयोगी : सरकार से अतिवृष्टि और ओलावृष्टि पर मुआवजे की राशि पाने की ललक पाले किसान दिन दोपहर एक किए है। गर्मी में सनसन कर चल रही लू में तहसील आए किसानों को एक पल भी मौका मिला तो कोई किनारा पकड़ दो पल आराम भी कर ले रहे हैं।
लेखपाल सारा कामकाज छोड़ इन दिनों राजस्व गांववार डिमांड रजिस्टर तैयार कर रहे हैं। गांव से किसान मुआवजा सूची में अपना नाम देखने के लिए यहां पहुंच रहे हैं। डीएम की घुड़की और 6 लेखपालों के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई किए जाने के बाद काम में तेजी आई है। किसान तहसील आकर लेखपाल से अपना मुआवजा सूची में दर्ज करने की गुजारिश भी कर रहे हैं। हालांकि लेखपाल जो मुआवजा सूची बना है वह खतौनी से तैयार की जा रही है। सूची तैयार होने में असल दिक्कत यह है कि लेखपाल के पास खसरा तैयार नहीं हैं। खसरे में फसल अंकित होती है। इस कारण मुआवजा सूची तैयार करने में गांव के किसानों से बात करनी पड़ रही है।
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लेखपाल ने मांगा पैसा, एसडीएम ने बिठाई जांच
बिदकी : जनता मुलाकात के दौरान मंगलवार को एसडीएम से मिले दो किसानों ने लेखपाल चेक न देने, चेक के नाम पैसा मांगने का आरोप लगाया। एसडीएम जेएन सचान ने पूरे मामले में राजस्व कानून-गो को तलब किया और जांच के आदेश दिए। जनपद बांदा के चिल्ला तारा में रहने वाले राम विशाल एसडीएम जेएन सचान से मिला। बताया कि तीन बार से लेखपाल दौड़ा रहा है। चेक नहीं दे रहा। कह रहा है एक हजार रुपए दो, तब चेक देंगें। चांदपुर के दया शंकर ने भी एसडीएम को बताया कि उनके पास 16 बीघे जमीन में दस बीघा चना था। लेखपाल ने चने की फसल का नुकसान दिखाया ही नहीं है। जिससे मुआवजा नहीं मिल पाया है। एसडीएम ने कानून-गो को तलब किया और दोनों प्रकरणों पर जांच के आदेश दिए। कहा दोनों किसानों के मामले त्वरित निस्तारित हो। इसके साथ ही लेखपालों की कार्य प्रणाली पर रिपोर्ट देने को कहा।