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वाटर रिचार्रि्जग के लिए डार्क जोन के गांवों में बनेंगे तालाब

फतेहपुर, जागरण संवाददाता : भूजल स्तर गिरने से डार्क जोन की श्रेणी में पहुंच गए ब्लाकों में वाटर रिचा

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 06:24 PM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 06:24 PM (IST)
वाटर रिचार्रि्जग के लिए डार्क जोन के गांवों में बनेंगे तालाब

फतेहपुर, जागरण संवाददाता : भूजल स्तर गिरने से डार्क जोन की श्रेणी में पहुंच गए ब्लाकों में वाटर रिचार्जिग की कवायद प्रशासन ने शुरू कर दी है। जिला तकनीकी समन्वय समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि हर गांव में एक-एक तालाब जीर्णोद्वार के लिए चिंहित किया जाए। डीएम ने तालाबों को रिचार्ज साफ्ट फिल्टर तकनीक पर तैयार करने पर जोर दिया।

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विकास खंड अमौली, हसवा, हथगाम व मलवां दो साल पहले डार्क जोन घोषित कर दिए गए है। इन ब्लाकों में बोरिंग पर रोक लगी होने से सिंचाई संकट भी बना हुआ है। डीएम राकेश कुमार ने कहा कि मनरेगा से ऐसे तालाब बनाए जाए जिनका उपयोग किसान सिंचाई में भी कर सके। भूगर्भ विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि तालाब में पूरे साल पानी रहे इसके लिए तकनीक कार्यदायी संस्था को दी जाए। पूरे साल तालाबों में पानी रहे जिससे भूगर्भ के जलस्तर में इजाफा हो सके। बैठक में निर्णय लिया गया कि अमौली में 36, हसवा में 30, हथगाम में 41 व मलवां में 44 तालाबों का जीर्णोद्वार कराया जाएगा। तकनीकी समिति के सदस्य परियोजना निदेशक आरके गौतम ने कहा कि मनरेगा से कार्ययोजना तैयार की जाएगी। भूगर्भ विभाग के तकनीक से तालाबों को पानी के बड़े भंडारण का सोत्र बनाया जायगा।


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