दलालों से मिलेंगे तभी होंगे काम
फतेहपुर जागरण संवाददाता: एआरटीओ दफ्तर में दलालों से मिलेंगे तभी आपका काम होगा। इनकी दुकाने दफ्तर के सामने सजी रहती है। यहां के अधिकारी से लेकर कर्मी इनके प्रभाव में रहते हैं। जो जनता से नहीं बल्कि दलालों के माध्यम से काम करते है और जेबे गर्म करते हैं। डीएल, गाड़ी के रजिस्ट्रेशन से लेकर वाहनों की चेकिंग तक में खेल करते हैं।
शहर के लखनऊ बाईपास के समीप हाइवे के लिए सहायक संभागीय परिवहन का दफ्तर है। वाहनों से जुड़े कार्यो को पूर्ण कराने के लिए लोग सुबह से ही दफ्तर पहुंचने लगते हैं। दलाल भी सुबह से पहुंच जाते है। ये लोगों के पटा करके उनसे रकम वसूलते हैं और जिसके स्तर का काम होता है। उसके पटाकर काम कराते हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कुछ दलाल तो दफ्तर के अंदर घुसकर काम करा लाते हैं। इनके इशारे में अधिकारी एवं कर्मी काम कर देते है। हकीकत यह है कि एआरटीओ दफ्तर में बिना दलालों के कोई काम ही नहीं होता है।
मामले पर एआरटीओ प्रशासन एमसी त्रिपाठी का कहना था कि दलालों का दफ्तर के अंदर प्रवेश में रोक लगी है। उन्होंने कहा कि जनता को सीधे काम होता है, लेकिन जो दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं वहीं उनके शिकार हो जाते हैं। कहा कि दलालों के बारे में विभागीय उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज जा चुकी है।
तीन वर्ष से नहीं पड़े छापे
- एआरटीओ दफ्तर में तीन वर्ष से एक भी छापे प्रशासनिक आला अधिकारियों के नहीं डाले हैं। इससे इनके हौसले और भी बुलंद है। स्थिति यह है कि कुछ के स्थाई चैंबर तक बने है।
वाहन की संख्या :
दो पहिया : 58 .300 हजार
तीन एवं चार पहिया : 23.400 हजार