Move to Jagran APP

5 गुना उपभोक्ता बढ़े, लोड बढ़ते ही टूट रहे तार

By Edited By: Published: Thu, 31 Jul 2014 07:53 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jul 2014 07:53 PM (IST)
5 गुना उपभोक्ता बढ़े, लोड बढ़ते ही टूट रहे तार

फतेहपुर, जागरण संवाददाता : जिले में विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या पांच गुणा बढ़ गई, लेकिन तार वहीं पुराने लगे है। यह स्थिति अधिकांश विद्युत उपकेंद्रों की है। इसलिए भार बढ़ते ही मशीने ट्रिप करने लगती है और जर्जर तार टपक पड़ते हैं। ये तार राहगीरों की जिंदगी के सौदागर बन जाते है। तार टूटने की वजह यह भी है कि विभाग के पास संसाधनों का टोटा है और दिहाड़ी कर्मी ठीक से काम नहीं करते हैं।

loksabha election banner

शहर क्षेत्र में 45 हजार विद्युत उपभोक्ता है। वहीं ग्रामीण इलाके में 80 हजार। यह संख्या पिछले चार दशक के बीच बढ़ी है। वहीं चार दशक पहले यह संख्या एक चौथाई थी। विभाग के पास संसाधनों का टोटा है। कर्मी है नहीं, उपकरण भी नहीं मिलते। इसीलिए विभाग ने दिहाड़ी कमियों काम पर लगा रखा है। इन कर्मियों की गांवों में एक अलम हनक रहती है। जो चाहते हैं वही करते हैं।

विभागीय अधिकारियों का मानना है कि बिजली के तार भार बढ़ने से जर्जर हो जाते है और टूट जाते है। यह दिक्कत गर्मियों के दिनों में अधिक आती है। बताते है कि दिहाड़ी कर्मी विद्युत आपूर्ति दुरुस्त करने में रुचि भी ठीक से नहीं लेते। बताते है कि ये उसी के कार्य को प्राथमिकता देते है। जिनसे उनका लाभ होता है।

कर्मियों का विवरण

पद चाहिए हैं

एसडीओ के पद -4 -2

जेई -31-14

लाइनमैन - 80-25

पेट्रोलमैन - 140- 58

दिहाड़ी - 200 - 120

प्रस्ताव मांगे हैं, तार दुरुस्त होंगे

- मामले पर अधीक्षण अभियंता आरआर सिंह का कहना था कि विद्युत वितरण के दोनों खंडों के एक्सईएन, एसडीओ एवं जेई को जर्जर तारों के प्रति सतर्क रहने के निर्देश दिए है। उन्होंने स्वीकार किया कि दिहाड़ी कर्मी ठीक से काम नहीं करते है। उनकी शिकायतें मिली। जांच कराई जाएगी। एसडीओ एवं जेई भी संदिग्ध पाए गए तो इन पर भी कार्रवाई तय है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.