जवान की अर्थी उठी तो रो पड़ा गांव
जाफरगंज, संवाद सूत्र : खूटाझाल गांव के स्वंतत्र सिंह फौजी गंाव आने के लिए 11 जुलाई से छुट्टी स्वीकृति कराई थी। एक दिन पहले बिजली का करंट लग जाने से मौत गई। 11 जुलाई को बेटे व पति की आने की बांट जोह रहे पिता व पत्नी ने जब अर्थी देखी तो अपने को संभाल नहीं पाए।
बिंदकी तहसील के खूंटाझाल गांव के समरजीत सिंह के तीन पुत्रों में बड़ा दूसरे नम्बर का बेटा स्वतंत्र सिंह सेना की आर्मड कोर में 1998 में भर्ती हुआ। इस समय नायक पद पर जम्मू कश्मीर में तैनात था। 9 जुलाई को अपराह्न एक बजे बिजली के करंट से उसकी मौत हो गई। जम्मू से सेना के जवान शव को लेकर हेलीकाप्टर से लखनऊ आए। यहां लखनऊ से हेलीकाप्टर पर ही पार्थिव शरीर को कानपुर लाया गया। ललौली रोड में बने आवास पर शव को कुछ देर के लिए अंतिम दर्शन को रखा गया। इसके बाद सेना के जवान पार्थिव शरीर लेकर पैत्रक गांव खूंटाझाल पहुंचे। वहां शव पहुंचते ही सन्नाटा चीखों के बाद टूट गया। परिवार के पिता, मां कुंती देवी का तो बेटा का ताबूत देख दिल ही बैठ गया। इनको गश आ गई। पत्नी प्रभा देवी, पुत्री शालू (13) व सत्यम (10) का रो-रोकर बुरा हाल रहा।
अपराह्न 3.45 बजे सेना के जवानों ने सलामी दी। इसके बाद विधायक मदन गोपाल वर्मा, एसडीएम जेएन सचान, श्याम लाल निषाद, अनूप सिंह, आदि ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी।