पति व सास-ससुर को दस वर्ष की कठोर कैद
-दहेज में बाइक न मिलने पर दिया था घटना को अंजाम जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : दहेज में बाइक न म
-दहेज में बाइक न मिलने पर दिया था घटना को अंजाम
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : दहेज में बाइक न मिलने पर विवाहिता की हत्या करने के मामले में लगभग तीन वर्ष पूर्व मुकदमा दर्ज कराया गया था। अपर जिला सत्र न्यायाधीश शिव¨सह यादव ने मृतका के पति व सास ससुर को गैर इरादतन हत्या में दोषी करार देते हुए दस वर्ष की कठौर कैद व सात-सात हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त कैद के भी आदेश दिए हैं।
जनपद हरदोई थाना हरपालपुर के गांव बूंदापुर निवासी रामऔतार ने मऊदरवाजा थाने में पुत्री के पति व उसके सास ससुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। तहरीर में कहा गया था कि उन्होंने अपनी पुत्री आकांक्षा की शादी 12 जुलाई 2013 को मऊदरवाजा थाना क्षेत्र के गांव जसमई निवासी अखिलेश के साथ की थी। शादी के बाद आकांक्षा का पति अखिलेश, ससुर श्यामाचरन व सास मीरा देवी दहेज में बाइक की मांग कर उत्पीड़न करने लगे। उत्पीड़न की जानकारी मिलने पर उन्होंने कई बार पुत्री के ससुरालीजनों को समझाने का प्रयास भी किया। इसके बावजूद भी 28 मार्च 2014 को आरोपियों ने आकांक्षा के साथ मारपीट की। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गयी। 29 मार्च को फांसी पर लटकाकर उसे मार डाला। विवेचक तत्कालीन क्षेत्राधिकारी योगेंद्र पाल ¨सह ने सभी आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। इस मामले में न्यायालय में सुनवाई के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता प्रभाशंकर औदीच्य, एडीजीसी निर्मल चंद्र कटियार व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने मृतका के पति अखिलेश, ससुर श्यामाचरन व सास मीरा देवी को गैर इरादतन हत्या में दोषी करार देते हुए दस-दस वर्ष की कठोर कैद की सजा सुनाई। इसके अलावा दहेज उत्पीड़न में दो वर्ष की कैद व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना, दहेज प्रतिशेध अधिनियम की धारा 4 में एक-एक वर्ष की कैद व दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा से भी दंडित किया है।