कहीं ताला तो कहीं बच्चे ही नहीं
संवाद सूत्र, शमसाबाद : ²श्य एक : प्राथमिक विद्यालय अमलैया आशानंद के परिसर में दो आंगनबाड़ी केंद
संवाद सूत्र, शमसाबाद :
²श्य एक : प्राथमिक विद्यालय अमलैया आशानंद के परिसर में दो आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होते हैं। दोनों ही केंद्रों पर सुबह 10 बजे तक कोई महिला कार्यकर्ता नहीं पहुंची थी। कुछ बच्चे जरूर मौजूद मिले। बच्चों ने बताया कि पोषाहार का वितरण नहीं होता है। महिला कार्यकर्ता के कभी-कभी आने की बात भी बच्चों ने कही।
²श्य दो : प्राथमिक विद्यालय रोशनाबाद के परिसर में तीन आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होते हैं। तीनों आंगनबाड़ी केंद्रों पर सुबह 10.30 बजे तक कोई महिला कार्यकर्ता नहीं पहुंची थीं। तीन बच्चे मौजूद थे और दो सहायिकाएं भी यहां उपस्थिति मिलीं। सहायिकाओं ने बताया कि दो माह से पंजीरी का वितरण नहीं किया गया है। इसलिए बच्चे नहीं आ रहे।
²श्य तीन : प्राथमिक विद्यालय हसनापुर में आंगनबाड़ी केंद्र चलता है। पौने 11 बजे इस केंद्र पर ताला लटका मिला। विद्यालय में उपस्थित मिले शिक्षकों ने बताया कि केंद्र कभी-कभी ही खुलता है।
²श्य चार : प्राथमिक विद्यालय अलेपुर में तीन आंगनबाड़ी केंद्र हैं। दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुधा और हीराश्री मौजूद नहीं थीं। मीरा देवी उपस्थित मिलीं। 23 बच्चे पंजीकृत हैं, लेकिन एक भी मौजूद नहीं था। कार्यकर्ता ने बताया कि फरवरी के बाद से पोषाहार नहीं मिला है। इसलिए बच्चे नहीं आते।
शमसाबाद बाल विकास परियोजना कार्यालय के अधीन संचालित होने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा बेहद खराब है। अधिकतर केंद्रों पर ताला लगा रहता है। बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी केंद्र प्राथमिक विद्यालयों के परिसर में संचालित होते हैं। इसलिए बच्चे एमडीएम की आस में पहु्च जाते हैं। आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता और सहायिका आमतौर पर गैर हाजिर ही रहती हैं। नाम न छापने की शर्त पर महिला कार्यकर्ता हकीकत बताने से नहीं चूकतीं। जिला मुख्यालय पर बैठने वाले विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों पर प्रति माह 80 हजार रुपये सुविधा शुल्क लिए जाने की बात भी सामने आई। इसी कारण पोषाहार का वितरण न किए जाने का तथ्य भी सामने आया।
जिम्मेदार बोले
बाल विकास परियोजना अधिकारी संगीता ने बताया कि अभी कुछ दिन पहले ही उन्होंने कार्यभार संभाला है। अभी तक क्या हुआ, इस पर उन्होंने चुप्पी साध ली। आगे के लिए स्पष्ट कहा कि प्रत्येक केंद्र की जांच कराई जाएगी। जो भी गड़बड़ी करेगा उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी। पोषाहार के बदले होने वाली वसूली के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है।
एक नजर केंद्रों पर
कुल केंद्र : 225
नियमित केंद्र : 199
मिनी केंद्र : 26