प्रदर्शन के दौरान पीआरडी जवान आपस में भिड़े
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : पीआरडी जवान विभिन्न मांगों को लेकर शनिवार को विकास भवन में युवा कल
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : पीआरडी जवान विभिन्न मांगों को लेकर शनिवार को विकास भवन में युवा कल्याण अधिकारी को ज्ञापन देने पहुंचे, लेकिन गुटबाजी के चलते पीआरडी जवानों के दो गुट आपस में ही भिड़ गए। दोनों पक्षों में मारपीट की नौबत आ गई। हंगामे की सूचना पर युवा कल्याण अधिकारी ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस के पहुंचने के बाद मामला रफा-दफा हो गया। पीआरडी जवान ज्ञापन देकर लौट गए।
नवीन शासनादेश के अनुरूप मानदेय भुगतान व यूनीफार्म भत्ता दिए जाने की मांग के अलावा पीआरडी जवान एक विभागीय लिपिक के माध्यम से परिचय पत्र के नाम पर अवैध वसूली किए जाने के खिलाफ विगत लगभग दो सप्ताह से आंदोलन कर रहे हैं। इससे पूर्व पीआरडी जवान कलेक्ट्रेट में भी प्रदर्शन कर चुके हैं। भाकियू नेता भी पीआरडी जवानों का समर्थन कर रहे हैं। समस्याओं का निस्तारण न होने पर शनिवार को पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार पीआरडी जवान विकास भवन स्थित युवा कल्याण अधिकारी कार्यालय में ज्ञापन देने पहुंचे।
ज्ञापन में कथित वसूली के आरोपी एक लिपिक का नाम शामिल किए जाने पर पीआरडी जवानों में दो गुट हो गए। कुछ लोग लिपिक का नाम देने के पक्ष में नहीं थे। इसको लेकर दोनों पक्षों में विवाद होने लगा। एक पक्ष के साथ में भाकियू नेता लक्ष्मी शंकर जोशी व उनके समर्थक भी मौजूद थे। जबकि लिपिक के पक्ष में विकास भवन के कर्मचारी भी लामबंद थे। विवाद बढ़ने पर मामला हाथापाई तक पहुंच गया। चीख-पुकार के चलते विकास भवन में हंगामे जैसी स्थिति बन गई। इस पर राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष राकेश सारस्वत ने दूसरे पक्ष के जवानों को जमकर हड़का दिया। उन्होंने कहा कि आपको अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन गुंडई करने का अधिकार किसी को नहीं है। स्थिति बिगड़ते देख युवा कल्याण अधिकारी बृजेश यादव ने पुलिस को सूचना दे दी।
युवा कल्याण अधिकारी ने दी लिपिक को क्लीन-चिट
पुलिस की क्विक रिस्पांस टीम ने विकास भवन पहुंचकर मामले को रफा-दफा कराया। दोनों पक्षों को अपनी-अपनी बात रखने का मौका दिए जाने की बात कही गई। दोनों पक्षों ने अपने ज्ञापन युवा कल्याण अधिकारी को सौंपे। युवा कल्याण अधिकारी ने बताया कि पूर्व में दिया गया ज्ञापन उन्हें मिल चुका है। शासन से धनराशि की मांग की गई है। बजट मिलने पर भुगतान की कार्रवाई की जाएगी। लिपिक पर वसूली के आरोपों को उन्होंने सिरे से नकार दिया। युवा कल्याण अधिकारी ने बताया कि परिचय पत्र बनवाने के लिए रुपयों का भुगतान सीधे संबंधित दुकानदार को किया गया है। लिपिक की इसमें कोई भूमिका नहीं है।