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अविरल निर्मल सुरसरि के लिए संकल्प

-सनातन धर्म आगे बढ़ाने की साधना में लीन जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : तीन साल की अवस्था में उन्हें

By Edited By: Published: Tue, 17 Jan 2017 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 17 Jan 2017 01:01 AM (IST)
अविरल निर्मल सुरसरि के लिए संकल्प
अविरल निर्मल सुरसरि के लिए संकल्प

-सनातन धर्म आगे बढ़ाने की साधना में लीन

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जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : तीन साल की अवस्था में उन्हें परिजनों ने दान स्वरूप गुरु आश्रम को सौंप दिया था। गुरुदेव ने चार बरस की उम्र में संत चोला पहनाया। भजन पूजन और धूनी में रमे महंत हनुमानगिरि ने अविरल निर्मल सुरसरि के लिए चेतना जगाने का संकल्प लिया। संकल्प के इस भाव को श्रद्धालुओं तक पहुंचाने के लिए वह 8 साल से खड़े होकर साधना कर रहे।

तीर्थ स्थलों के गंगा घाटों पर साधना के बाद महंत हनुमान गिरि माघ मेला रामनगरिया पहुंचे। दैनिक कार्यों से निवृत्त होना हो या फलाहार और भोजन, भजन-पूजन, साधना व ¨नद्रा सब खड़े रहकर ही। यही दिनचर्या है उनकी। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा वाराणसी के कोषाध्यक्ष ब्रह्मलीन महंत भैरवगिरि महाराज के शिष्य हनुमान गिरि का कहना है कि गंगा की अविरलता व निर्मलता के लिए शासन प्रशासन को तो कार्य करना ही होगा। श्रद्धालुओं को भी भागीरथी की स्वच्छता को अपना-अपना धर्म निभाना होगा। वह कहते हैं कि लोग धर्म कर्म पर चलें, सनातन धर्म आगे बढ़े। यह जन जागरण भी उनका मकसद है।


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