गंगा का जलस्तर बढ़ने से कटान शुरू
- खेतों की कटान के साथ किसानों के घरों का खतरा बढ़ा - रोज छोड़ा जा रहा नरौरा से 11 हजार क्यूसेक पान
- खेतों की कटान के साथ किसानों के घरों का खतरा बढ़ा
- रोज छोड़ा जा रहा नरौरा से 11 हजार क्यूसेक पानी
शमसाबाद, संवाद सूत्र : गंगा का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। हालांकि अभी जलस्तर इतना नहीं है कि गेज में दर्ज किया जा सके, लेकिन जलस्तर बढ़ने के कारण कटान शुरू हो गयी है। इसकी जानकारी मिलते ही ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। खेतों में कटान शुरू होने से ग्रामीण सशंकित हैं।
आमतौर पर पहाड़ों पर अधिक बारिश होने के कारण नरौरा से पानी छोड़ा जाना शुरू हो जाता है। इसके चलते गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ता है। यूं जुलाई-अगस्त में पानी तेजी से बढ़ता है और तभी कटान भी शुरू हो जाता है। बहरहाल शमसाबाद के ग्राम कटरी तौफीक के बा¨शदे शुक्रवार की सुबह से ही खौफजदा हो गए। गंगा की धार ने इनके खेतों को काटना शुरू कर दिया है। गांव के राधेश्याम, रामशरन, महेश, मकरंद, अखिलेश, रामतीर्थ आदि की मानें तो गुरुवार रात से ही खेतों का कटान शुरू हो गया था। इन लोगों को आशंका है कि अगर कटान अगले दो तीन दिन यूं ही जारी रहा तो इनके आशियानों पर भी संकट खड़ा हो जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले वर्ष भी जलस्तर बढ़ने पर कटान शुरू हुआ था और अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों से यहां तटबंध बनवाने की मांग की गई थी, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। तहसीलदार विनोद जोशी ने बताया कि जलस्तर बढ़ने और खेत कटने की जानकारी नहीं है। लेखपाल को मौके पर भेजकर वास्तविक स्थिति का पता किया जाएगा।
उधर दूसरी ओर अधिशासी अभियंता ¨सचाई आलोक चतुर्वेदी का कहना है कि अभी जलस्तर इतना नहीं बढ़ा है कि गेज में दर्ज किया जा सके। हर रोज नरौरा से 11 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने की जानकारी भी उन्होंने दी।