धम्मप्रेरणा समारोह में मेधावी छात्र सम्मानित
- प्रतिभागियों की संख्या में अव्वल रहा अमरोहा - 36 जनपदों के 135 केंद्रों पर हुई थी परीक्षा फर्र
- प्रतिभागियों की संख्या में अव्वल रहा अमरोहा
- 36 जनपदों के 135 केंद्रों पर हुई थी परीक्षा
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : प्रदेश के 36 जनपदों के 135 केंद्रों पर जूनियर व सीनियर वर्ग की अलग-अलग करायी गयी परीक्षा में सर्वाधिक अंक पाने वाले मेधावी छात्रों को गुरुवार को सम्मानित किया गया। भारतीय बौद्ध महासभा की ओर से करायी गयी परीक्षा में प्रतिभागियों की संख्या के आधार पर अमरोहा ने प्रथम, हरदोई ने द्वितीय व बुलंदशहर ने तीसरा स्थान हासिल किया।
शहर की ठंडी सड़क पर स्थित नवभारत सभा भवन में आयोजित कार्यक्रम में उद्घाटन भाषण के दौरान दिल्ली से आये भिक्षु करुणाकर ने बौद्ध धर्म को इनसानियत का समर्थक बताया। उन्होंने कहा कि धर्म को जातिवाद की ²ष्टि से देखना अधर्म है। एसडीएम कायमगंज अजीत ¨सह विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। इस अवसर पर सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले लखनऊ निवासी संजीव कुमार के पुत्र हर्ष वर्मा को 9 हजार, द्वितीय स्थान पर रहे चित्रकूट निवासी रामहित के पुत्र अलंकृत कुमार को 7 हजार व तृतीय स्थान पर रहे प्रभाकर प्रकाश बाजपेयी के पुत्र अर्पित को 5 हजार का नगद पुरस्कार व प्रशस्तिपत्र भेंट किया। सीनियर वर्ग में बुलंदशहर के दिनेश त्यागी के पुत्र हनी त्यागी को दस हजार, चित्रकूट निवासी रामहित के पुत्र आलोक कुमार को आठ हजार व बदन ¨सह के पुत्र प्रशांत कुमार को छह हजार की नगद पुरस्कार राशि प्राप्त करायी गयी। जूनियर व सीनियर वर्ग के 15-15 अन्य मेधावी छात्रों को भी पुरस्कृत किया गया।
महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आरआर गौतम, महामंत्री गजेंद्र ¨सह, वीर ¨सह गौतम, आरए कोविद, नानक चंद्र, मान¨सह, सीवी निमेश, आरके प्रेमी, जिलाध्यक्ष एपी ¨सह, विजय बहादुर आदि मौजूद रहे। संचालन गजेंद्र ¨सह व अर¨वद गौतम ने किया।
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भविष्य संवारेंगे बुद्ध के संदेश
कायमगंज, संवाद सहयोगी: ग्राम चिलसरी खेड़ा के बुद्ध बिहार में हुए बौद्ध मेला के मुख्य अतिथि शाखा प्रबंधक विनोद कुमार ने कहा कि भगवान बुद्ध के शांति संदेश ही देश का भविष्य संवारेंगे। मेला संयोजक कर्मवीर शाक्य ने कहा कि बौद्ध धर्म वैज्ञानिक, समता, मानवता एवं भाईचारे पर आधारित है। उसमें जातिवाद व अंध-विश्वास का कोई स्थान नहीं है। आरडी बौद्ध ने कहा कि देश में बौद्ध धर्म का प्रभाव रहा तब तक सुख शांति रही। लडैते लाल उत्तम, सिद्धार्थ प्रकाश गौतम, प्रमोद कुमार, राकेश सागर, सुनीत सिद्धार्थ, राजेश पटेल आदि ने विचार व्यक्त किये।